मप्र की 8 सिंचाई परियोजनाओं को मिली स्वीकृति, प्रदेश में हरित क्रांति को लगेंगे पंख

8 irrigation projects of Madhya Pradesh got approval green revolution will take wings in the state

हलधर किसान नई दिल्ली। एमपी में किसानों को बड़ी सौगात मिली है। प्रदेश की 8 अहम सिंचाई परियोजनाओं पर केंद्र ने सहमति जता दी है। केंद्र के वन एवं पर्यावरण विकास विभाग द्वारा इनकी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसके लिए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने गुरुवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट कर अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री यादव ने अपनी सहमति जताते हुए अधिकारियों को तुरंत तत्संबंधी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस पर जल संसाधन मंत्री सिलावट ने उन्हें धन्यवाद देते हुए आभार भी जताया।

मध्यप्रदेश की जिन सिंचाई परियोजनाओं को केंद्र द्वारा वन एवं पर्यावरण संबंधी सहमति प्रदान की गई है उनमें दतिया की मां रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना डबरा, लोअर और वृहद परियोजना अशोक नगर एवं शिवपुरी, चेंटीखेड़ी परियोजना श्योपुर, मुंझिरी वृहद परियोजना श्योपुर, कोपरा मध्यम सिंचाई परियोजना सागर, छिंदवाड़ा कांप्लेक्स बैलेंसिंग रिजर्वायर छिंदवाड़ा, सोनखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना बड़वानी और दामखेड़ा लघु सिंचाई योजना खरगोन शामिल हैं। अब इनके निर्माण के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकेगी।

मध्यप्रदेश की 8 अहम सिंचाई परियोजनाएं, वन एवं पर्यावरण सहमति के लिए अटकी पड़ी थीं। राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इनकी मंजूरी के लिए नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से प्रदेश के किसानों के हित में इन सिंचाई परियोजनाओं की वन एवं पर्यावरण स्वीकृति के लिए अनुरोध किया। वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसपर तत्काल सहमति जता दी। मंत्री तुलसी सिलावट ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि एमपी में कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने का सपना पूरा करने के लिए प्रदेश के हर किसान के खेत तक सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश का जल संसाधन विभाग इसके लिए प्रतिबद्ध है।

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