बगैर लायसेंस और बगैर अनुमति के बना रहे थे कंपोस्ट खाद

Compost manure was being made without license and permission 1

एसडीएम ने कृषि अमले के साथ दी दबिश, जब्त किए 650 बेग

हलधर किसान खरगोन l जिले में अमानक खाद बिक्री की आशंका को लेकर किसान संगठनों की बार- बार की जा रही शिकायतें सही साबित होती नजर आ रही है। कृषि विभाग की टीम ने मेनगांव के एक खेत में चल रहे जैविक कंपोस्ट खाद निर्माण के खेल को उजागर किया है। यहां बिना प्रशासनिक अनुमति के धड़ल्ले से खाद पैकिंग की जा रही थी। कार्रवाई के दौरान करीब 650 कम्पोस्ट खाद के बैग जब्त करने के बाद सहकारी समिति के सुपुर्द किया है।
रविवार देररात एसडीएम बीएस कलेश ने कृषि अमले के साथ मेनगांव क्षेत्र स्थित खेत में बनाई जा रही जैविक कंपोस्ट खाद का खुलासा किया है। मौके पर पहुंचे एसडीएम सहित कृषि अधिकारी भी खुले मैदान में बनाई जा रही खाद, पैकिंग बोरियां, रॉ- मटेरियल देखकर हैरान रह गए। यहां बड़े पैमाने पर निर्माण एवं भंडारण किया गया था।

06b1ae8e 2b22 4f73 b947 64d633a0f3d4

अधिकारी उस वक्त चौंक गए जब मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने खाद निर्माण के लिए प्रशासनिक स्तर पर दिए गए किसी लायसेंस के न होने की बात कही।
कृषि विभाग अधिकारियों के मुताबिक मेनगांव थाना क्षेत्र में विद्युत ग्रीड के पीछे खेत में एसडीएम के साथ कृषि विभाग की टीम शाम के समय पहुंची। मौके पर मुंबई की एबीसी नामक कंपनी का खाद बरामद हुआ, जिसे लकड़ी और मक्का जलाकर बनाया जा रहा था। मौके पर मौजूद मैनेजर रोहित मालवीया बिस्टान से प्रशासन की टीम ने पूछताछ की, जिसमें वह खाद बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर दी गई कोई अनुमति नही बता सका।
कार्रवाई के बाद अब ग्रामीण भी खुलकर बोल रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि खेत में लंबे समय से खाद बनाई जा रही थी। अब तक प्रशासन ने इसकी अनदेखी क्यों की? संभवत: वर्तमान में खाद को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलनों से ध्यान भटकाने के लिए की गई है।

कृषि विभाग पर उठते सवाल

इस अवैध कारोबार की जानकारी मिलने पर कृषि विभाग ओर एसडीएम ने सयुक्त रूप से मेनगांव में छापेमारी की गई और 600 बोरी पैक ओर 50 बोरी खुला खाद जब्त की गई । हालांकि, स्थानीय लोगों और किसानों का कहना है कि यह कार्रवाई मात्र औपचारिकता थी. उनका आरोप है कि कृषि विभाग को इस अवैध धंधे की जानकारी काफी समय से थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

किसानों की परेशानी

किसानों का कहना है कि उन्हें इस तरह की धोखाधड़ी से भारी नुकसान हो रहा है. वे अच्छी पैदावार की उम्मीद में महंगी खाद खरीदते हैं। लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिलता। इससे न केवल उनका पैसा बर्बाद होता है, बल्कि उनकी फसलों को भी नुकसान होता है।

आगे क्या?

यह देखना होगा कि कृषि विभाग इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करता है. क्या सिर्फ कुछ नमूनों की जब्ती तक ही बात रहेगी, या फिर इस काले कारोबार में शामिल बड़े मगरमच्छों पर भी शिकंजा कसा जाएगा? किसानों और आम जनता की मांग है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

यह भी पढेंः- नामी कंपनियों के नाम प्रोडक्ट बाजार में प्रतिबंध के समाचार से व्यापारियों में असंतोष

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *