हलधर किसान रायसेन। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के छीरखेड़ा गांव में सोयाबीन के खेतों का औचक निरीक्षण किया। केंद्रीय मंत्री को शिकायत मिली थी कि, खरपतवारनाशक दवा डालने से किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान, अचानक खेतों में पहुंचे और सैकड़ों किसानों और कृषि विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में स्थिति का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान कृषि मंत्री श्री चौहान ने पाया कि खेतों में सोयाबीन की जगह खरपतवार खड़े हैं और पूरी फसल जल चुकी है।
किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह नुकसान भी कंपनी की दवा डालने से हुआ है। श्री चौहान ने कहा कि यह समस्या सिर्फ एक खेत तक सीमित नहीं है बल्कि कई किसानों ने ऐसी शिकायतें की हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि इस मामले में की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय वैज्ञानिकों का दल प्रभावित खेतों का निरीक्षण करेगा और जांच कर दोषी कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय मंत्रीके निर्देश पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा तत्काल जांच समिति गठित कर दी गई है। इस समिति में के खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर के निदेशक डॉ. जेएस मिश्रा को चेयरमैन बनाया गया है। साथ ही, अटारी जोन 9 के निदेशक डॉ. SRK सिंह रायसेन. विदिशा जिले के कृषि उप संचालक एवं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख को सदस्य बनाया गया है ।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान की फसल चली गई तो उसकी जिंदगी ही चली गई। किसानों को राहत जरूर मिलेगी और इसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी साफ किया कि रायसेन के वैज्ञानिक द्वारा दिया गया प्रतिवेदन सही नहीं है, इसलिए इस मामले की जांच यह नई टीम करेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों को पूरा न्याय मिलेगा और नकली कीटनाशक खाद.बीज बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ पूरे देश में व्यापक अभियान चलाया जाएगा जो नकली और खतरनाक दवाइयाँ बेचकर किसानों के साथ धोखा करती हैं।
यह भी पढेंः- कृषि विभाग ने सोयाबीन फसल के लिये किसानों को दी सलाह