पंजाब सरकार ने विवादित लैंड पूलिंग नीति वापस ली, किसानों के विरोध के चलते लिया निर्णय 

Punjab government withdrew the controversial land pooling policy decision taken due to protest by farmers

हलधर किसान नई दिल्ली l बढ़ते राजनीतिक विवाद और किसानों के विरोध के चलते पंजाब सरकार ने विवादित लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 को वापस ले लिया है। इस नीति के तहत किए गए सभी संशोधन वापस ले लिए गये हैं। पंजाब सरकार के आवास एवं शहरी विकास विभाग के मुख्य सचिव की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि राज्य सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी और इसके तहत किए गये सभी संशोधनों फैसलों आदि को वापस ले लिया है।

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इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लैंड पूलिंग पॉलिसी के क्रियान्वयन पर चार सप्ताह के लिए अंतरिम रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने नीति के कानूनी औचित्यए पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव आकलन और पुनर्वास को लेकर सख्त सवाल उठाए थे।

राज्य भर में किसान संगठन और राजनीतिक दल भगवंत मान सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी का विरोध कर रहे थे। कई पंचायतों ने स्पष्ट शब्दों में भूमि देने से इनकार करते हुए विरोध दर्ज कराया था।

लैंड पूलिंंग पॉलिसी को वापस लिए जाने के फैसले को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने जनता की जीत बताया। उन्होंने कहा ष्मैं बहादुर अकाली कार्यकर्ताओं किसानों मजदूरों और दुकानदारों को सलाम करता हूंए जिन्होंने एकजुट होकर अरविंद केजरीवाल को लैंड पूलिंग स्कीम वापस लेने पर पर मजबूर कर दिया। यह असल में जमीन हड़पने की योजना थी जिसके जरिए आम आदमी पार्टी दिल्ली के बिल्डरों से 30.000 करोड़ रुपये जुटाकर देशभर में पार्टी का विस्तार करना चाहती थी।

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी इसे किसानों के संघर्ष की जीत करार दिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि किसानों और विपक्ष के लगातार दबाव के कारण आप सरकार को लैंड पूलिंग पॉलिसी वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा। यह सिफऱ् नीति वापसी नहीं हैकृयह उस सरकार के अंत की शुरुआत है जिसने बार.बार किसानों और पंजाब के लोगों के हितों के खिलाफ काम किया है। 

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