केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज दिल्ली के किसानों से मिलेंगे।
हलधर किसान नई दिल्ली l केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 मई 2025 से ओडिशा के पुरी से शुरू हुए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान (VKSA)’ का नेतृत्व करते हुए देशभर के किसानों से सीधा संवाद किया। यह अभियान 12 जून तक चलेगा और इसका उद्देश्य आधुनिक कृषि तकनीकों को खेतों तक पहुंचाना और किसानों को वैज्ञानिक सलाह से सशक्त बनाना है।
15 दिवसीय इस अभियान के तहत 2,170 विशेषज्ञ टीमों और 16,000 कृषि वैज्ञानिकों को देश के 700 से अधिक जिलों में भेजा गया, जहां उन्होंने 1.5 करोड़ किसानों से संपर्क साधने का लक्ष्य तय किया। अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, अभियान के दौरान 85,000 से अधिक गांवों में 87 लाख से ज्यादा किसानों तक वैज्ञानिक जानकारी पहुंचाई जा चुकी है।

राष्ट्रीय स्तर पर मंत्री ने कई राज्यों का दौरा किया
अभियान की शुरुआत ओडिशा के पुरी से हुई, जहां श्री चौहान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी की उपस्थिति में VKSA का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “यह अभियान आधुनिक प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक खेती और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देगा, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।”
इसके बाद मंत्री ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना का दौरा कर अलग-अलग क्षेत्रों में किसानों से बातचीत की।
हरियाणा के पानीपत में उन्होंने कहा, “मैं किसान का बेटा हूं। मैं खुद ट्रैक्टर चलाता हूं और बुआई भी करता हूं। कृषि भारत की रीढ़ है, इसके बिना हिंदुस्तान अधूरा है।”
उत्तर प्रदेश के मेरठ में श्री चौहान ने चारपाई पर बैठकर किसानों से चर्चा की और कहा कि उन्नत कृषि का लक्ष्य तभी संभव है जब किसान, वैज्ञानिक और सरकार एक साथ मिलकर काम करें।
बिहार के मोतिहारी में उन्होंने 6 करोड़ रुपये की कृषि परियोजनाओं की घोषणा की, जबकि पुणे (महाराष्ट्र) में नकली खाद व कीटनाशकों पर सख्त कानून लाने की बात कही।
आज दिल्ली के किसानों से मिलेंगे।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत आज बुधवार दिनांक 11 जून 2025 को किसानों से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा की भागीदारी रहेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री दोपहर में तिगिपुर, बख्तावरपुर, उत्तरी दिल्ली में किसानों से बातचीत करेंगे। किसान चौपाल के माध्यम से किसानों से संवाद होगा। उसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ‘कृषि ड्रोन’ के माध्यम से खेती में तकनीक के प्रयोग का अवकोलन करेंगे। तत्पश्चात पदयात्रा करते हुए किसानों से मिलेंगे और अंत में पौधारोपण के बाद मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
DSR, MIS और प्राकृतिक खेती पर विशेष ज़ोर
पंजाब में उन्होंने धान की सीधी बुआई (DSR) को किसानों के लिए लाभकारी बताया और उत्तराखंड में फल-सब्जियों की वैश्विक पहचान को बढ़ावा देने की बात कही। तेलंगाना में उन्होंने किसानों को Markeт Intervention Scheme (MIS) का लाभ देने की घोषणा की।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अत्यधिक कीटनाशक और रासायनिक खादों के प्रयोग से बचें और प्राकृतिक खेती तथा जल संरक्षण को प्राथमिकता दें।
‘लैब टू लैंड’ के संकल्प की ओर बढ़ता भारत
श्री चौहान ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘लैब टू लैंड’ विजन को धरातल पर उतार रहा है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे प्रयोगशालाओं से निकलकर खेतों में जाएं और किसानों के लिए स्थान-विशेष समाधान तैयार करें।
भोपाल में उन्होंने दोहराया, “हम ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ की भावना से काम कर रहे हैं। वैज्ञानिकों, विभागों और किसानों को एकजुट होकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम करना होगा।”
मिलेट्स पर वैश्विक केंद्र की आधारशिला
अभियान के अंतिम चरण में हैदराबाद में आईसीएआर-आईआईएमआर का दौरा करते हुए श्री चौहान ने मिलेट्स (श्री अन्न) पर वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि तकनीकी नवाचार, किसान-केंद्रित समाधान और निर्यात योग्य उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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