रेगिस्तानी मिट्टी में बकरी पालन को बनाया उद्योग, सम्मानित हुए डॉ. पंवार

 डॉ. देवाराम पंवार ने रेगिस्तान की मिट्टी में विकट परिस्थितियों के बीच बकरी पालन के महत्तव को समझकर उसे एक ऐसे उद्योग में बदला जो युवाओं के लिए  प्रेरणा बन गया है।

हलधर किसान (पशुपालन)। केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान. मखदूम मथुरा (यूपी) में बकरी उद्यमिता विकास दिवस पर कार्य्रकम आयोजित किया गया। इसमें डॉ. देवाराम पंवार को प्रशंसा पत्र से नवाजा गया। केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए इससे पहले भी समय.समय पर सम्मानित करता रहता है।  

 डॉ. देवाराम पंवार ने रेगिस्तान की मिट्टी में विकट परिस्थितियों के बीच बकरी पालन के महत्तव को समझकर उसे एक ऐसे उद्योग में बदला जो युवाओं के लिए  प्रेरणा बन गया है।

डॉ. पंवार ने कोरोना काल जैसे परिवर्तन भरे दौर में बकरी पालन को नजदीकियों से समझा और इसमें उद्यमशीलता स्थापित करने की ठानी।

इसी के परिणाम स्वरूप उन्होंने विशेषज्ञों से संवाद स्थापित कर इस संबंध में प्रशिक्षण प्राप्त किया और वैज्ञानिक तरीके को अपनाकर बकरी पालन को एक व्यवसायिक मॉडल में उतारा।

इसी के परिणाम स्वरूप उन्होंने विशेषज्ञों से संवाद स्थापित कर इस संबंध में प्रशिक्षण प्राप्त किया और वैज्ञानिक तरीके को अपनाकर बकरी पालन को एक व्यवसायिक मॉडल में उतारा। उन्होंने बकरी पालन की अहमियत को समझा और पाया की इन्हें केवल मांस नहीं बल्कि दूध और उससे बनने वाले कई उत्पादों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

उन्होंने इसी व्यवसाय से अपनी आर्थिकि को मजबूत किया और प्रदेश के कई युवा किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने। जो युवा पीढ़ी पहले बकरी नाम से भी घृणा कर रही थी, वह आज इन्ही के किए गए कार्य को सिख कर इस व्यवसाय से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। 

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