जिले में 5 लाख पशुओं का हुआ है टीकाकरण
पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत गोवंशीय एवं भैंस वंशीय पशुओं में एफएमडी (खुरपका एवं मुंह पका रोग) के नियंत्रण के लिए सघन टीकाकरण15 मई 2024 से संचालित किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा के निर्देशन व पशुपालन विभाग डॉ. पीके अतुलकर के मार्गदर्शन में विभाग के लगभग 200 से अधिक टीकाकरणकर्ताओं की ग्रामवार ड्यूटी लगाई गई है ।
टीकाकरण अभियान को एक माह के अंदर टीकाकरणकर्ताओं द्वारा ग्रामों के घर-घर जाकर पशुओं का निशुल्क टीकाकरण किया जाना है। जिले के सभी ग्रामों के शत प्रतिशत बड़े पशुओं में टीकाकरण का लक्ष्य टीकाकरणकरताओ को दिया गया है। 20 वी पशु संगणना के आंकड़ों के अनुसार जिले में लगभग 720000 गोवंशीय एवं भैंस वंशीय पशुओं में एफएमडी का टीकाकरण किया जाना है। सभी टीकाकरण कर्ताओं द्वारा किए गए टीकाकरण की जानकारी भारत सरकार द्वारा जारी मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज की जा रही है। अभी तक जिले में लगभग 5 लाख पशुओं का एफएमडी टीकाकरण किया जा चुका है।
एफएमडी रोग एक वायरस जनित रोग है जो की बड़े पशुओं की एक प्रमुख बीमारी है। इस रोग से संक्रमित पशुओं के मुंह, पैरों एवं थनों में फुंसियां होकर छाले पड़ जाते हैं जिसके कारण पशुओं को चारा खाने में और चलने में कठिनाई होती है। इस रोग से संक्रमित पशुओं की उत्पादन क्षमता और प्रजनन क्षमता में कमी आती है। इस रोग का संक्रमण तीव्रता से एक से दूसरे पशुओं में फैलता है।
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भारत सरकार द्वारा इस रोग की रोकथाम हेतु यह चौथा चरण टीकाकरण अभियान के रूप में चलाया जा रहा है जिससे कि प्रदेश के बड़े पशुओं में हर्ड इम्यूनिटी उत्पन्न हो सके और किसानों के पशुओं की उत्पादकता कम होने से आर्थिक हानि ना हो सके।