किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 6 सूत्र: श्री शिवराज सिंह चौहान

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बिहार की प्रतिभा विश्व में विलक्षण है, इसका सही उपयोग न केवल बिहार को भारत का अग्रणी बल्कि भारत को दुनिया का अग्रदूत बनाएगा: श्री शिवराज सिंह चौहान

हलधर किसान ,नई दिल्ली।  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री   शिवराज सिंह चौहान ने पटना, बिहार में किसानों से चर्चा की। श्री चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें किसानों की सेवा का कार्य सौंपा है,  इसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं और श्री चौहान के लिए किसानों की सेवा करना ईश्वर की आराधना के समान है। हम देश के किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से संबोधन में कहा है कि हम तीन गुना तेजी से काम करेंगे और देश के किसानों का कल्याण करने का पूरा प्रयास करेंगे। श्री चौहान ने बिहार सरकार, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कृषि विभाग को बधाई दी, क्योंकि वे लगातार खेती-किसानी के कल्याण के काम में लगे हुए हैं। श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज उन्होंने स्टॉल देखे- मखाना, चावल, शहद, मक्का, चाय सब कुछ अद्भुत है। उन्होंने बिहार के किसानों का आभार व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे पास जमीन के बड़े टुकड़े नहीं हैं, 91 प्रतिशत सीमांत किसान हैं, लेकिन फिर भी किसान कमाल कर रहे हैं।

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कृषि मंत्री और किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खेती में आय दोगुनी करने का अभियान शुरू किया है और उनके पास किसानों के लिए 6 सूत्र हैं, जिन पर वे काम कर रहे हैं। पहला उत्पादन बढ़ाना, जिसके लिए अच्छे बीज जरूरी हैं। उत्पादन अच्छा है, लेकिन संभावनाएं और भी हैं। फल, सब्जी, अनाज, दलहन और तिलहन के अच्छे बीज जरूरी हैं। उन्हें प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री ने 65 फसलों के बीजों की 109 प्रजातियां किसानों को समर्पित की हैं। उन्होंने बताया कि चावल की एक किस्म ऐसी है जिसे 30 फीसदी कम पानी की जरूरत होती है। बाजरा की एक किस्म ऐसी है जिसकी फसल 70 दिन में तैयार हो जाती है।

ऐसे बीज हैं, जो जलवायु के अनुकूल हैं और बढ़ते तापमान में भी बेहतर उत्पादन देते हैं। यहां के किसानों को बीज उपलब्ध हो, इसके लिए वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से बात करेंगे। श्री चौहान ने बताया कि उत्पादन की लागत कम करना उनका दूसरा संकल्प है, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से किसानों को काफी मदद मिलती है, किसान क्रेडिट कार्ड से खाद के लिए सस्ते ऋण मिलते हैं।

तीसरा संकल्प उपज का सही मूल्य दिलाना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार का मखाना धूम मचा रहा है और एक्सपोर्ट क्वालिटी का मखाना तैयार हो रहा है और जब इसका निर्यात होता है तो किसानों को अधिक लाभ होता है। केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया कि वे इससे संबंधित एक कार्यालय बिहार में खोलने का प्रयास करेंगे।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि का विविधीकरण सरकार के रोडमैप में है और हम परंपरागत फसलों के साथ-साथ अधिक आय वाली फसलों को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे खाद्य प्रसंस्करण के बारे में भी बात करना चाहेंगे। बिहार की प्रतिभा विश्व में विलक्षण है। इस प्रतिभा का सही उपयोग बिहार को न केवल भारत का अग्रणी बनाएगा, बल्कि भारत को दुनिया का अग्रदूत बनाएगा। श्री चौहान ने कहा कि हम नए विचारों के साथ किस तरह से खेती में उपयोग कर सकते हैं, हम कब तक रासायनिक खाद का उपयोग करते रहेंगे? इससे उर्वरा क्षमता भी कम होती है और उत्पादन तथा मानव शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

आजकल केंचुए गायब हो गए हैं। खाद डालकर उन्हें खत्म कर दिया गया है। केंचुए 50-60 फीट जमीन के नीचे जाते हैं और ऊपर आ जाते हैं, इससे जमीन उपजाऊ रहती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्राकृतिक खेती का मिशन शुरू हो रहा है। इससे उत्पादन कम नहीं होगा, बल्कि बढ़ेगा।

श्री चौहान ने कहा कि अगली बार वे खेतों में ही कार्यक्रम करेंगे, व्यावहारिक समस्याओं पर भी विचार करेंगे। किसान के बिना दुनिया नहीं चल सकती। बाकी चीजें तो फैक्ट्री में बन जाएंगी, लेकिन गेहूं-चावल कहां से लाओगे? हम सब मिलकर काम करेंगे।

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