65 एकड़ क्षेत्र में कपास फसल का हुआ प्रदर्शन, नागपुर की देशी किस्मों की हुई थी बुआई 

65 एकड़ क्षेत्र में कपास फसल का हुआ प्रदर्शन, नागपुर की देशी किस्मों की हुई थी बुआई

हलधर किसान। मप्र के खरगोन जिले में खरीफ वर्ष 2023 में   नवाचार के रुप में लगाई गई कपास फसल का बुधवार को प्रदर्शन किया गया। केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र नागपुर से कपास की कम फैलने वाली एवं कम बढ़वार वाली देशी किस्में सीएएन 1032 (बीएस), सीएएन 1028 (बीएस)ए सुरज बीटी (बीएस), रजत बीटी (बीएस), पीकेवी 081 बीटी (बीएस) का 693 किलोग्राम बीज लाकर जिले में कपास की उच्च घनत्व रोपण प्रणाली विधि से विभिन्न विकासखण्डों में लगभग 65 एकड क्षेत्रफल में कपास फसल प्रदर्शन आयोजित किये गये।

जिसमें समय.समय पर विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कपास उत्पादक किसानों को तकनीकी सलाह दी गई।

 उप संचालक कृषि एमएल चौहान ने बताया कि इस वर्ष जिले में गोगावां फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा लगभग 2500 एकड़ क्षेत्रफल में कपास की देशी किस्मों को उच्च घनत्व रोपण प्रणाली द्वारा लगाया गया।

जिसमें लगभग 12.15 क्विं प्रति एकड़ अधिकतम 35 क्विंटल प्रति हेक्टयर तक कपास का उत्पादन प्राप्त हुआ है। जबकि सामान्यत: जिले में प्रगतिशील किसानों द्वारा 15.20 क्विंटल प्रति हेक्टयर तक कपास का उत्पादन प्राप्त कर रहे है।

कपास की उच्च घनत्व रोपण प्रणाली पद्धति में पौधे से पौधे की दूरी 15.20 सेमी एवं लाईन से लाईन की दूरी 60.90 सेमी रखी जाती हैं। इस पद्धति में 55 से 60 हजार पौध संख्या प्रति हेक्टयर होती है। इसमें अधिक पौध संख्या होने से अन्य पद्धति की तुलना में अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।

जिसमें समय.समय पर विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कपास उत्पादक किसानों को तकनीकी सलाह दी गई।
जिसमें समय.समय पर विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कपास उत्पादक किसानों को तकनीकी सलाह दी गई।

 जिले में (एचडीपीएस) पद्धति को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र नागपुर से बीज आगामी वर्ष में कपास प्रदर्शन के लिए लगभग 500 हेक्टयर क्षेत्र के लिये कृषकों का चयन किया जायेगा तथा कृषक स्वयं भी केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र नागपुर से कपास बीज प्राप्त कर सकते हैं।  

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