यात्रियों को रवानगी देने उमड़ा गांव, भजन. कीर्तन के साथ जयकारो से भक्तिमय हुआ माहौल
हलधर किसान खरगोन। सांवरा मारे घरां भी आजो.., मैंने झोली फैला दी सांवरिया अब खजाना तू प्यार का लुटा दे…, मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे गुरुदेव सांवरिया मेरे.., सांवरिया के नाम हजार मैं कैसे लिखूं उनको पत्री…,सांवरिया सा सेठ कोई दूजा ना संसार में..जैसे भजनों और जयकारो के बीच शनिवार को 825 युवा साइकिलों पर सवार होकर समीपी ग्राम मेनगांव. पिपराटा से सांवरियाजी दर्शन के लिए रवाना हुए। जिले, देश-प्रदेश की खुशहाली, सुख. समृद्धि की कामना को लेकर निकाली जाने वाली इस यात्रा को लेकर न केवल यात्रियों बल्कि समूचे गांव में उत्साह का माहौल नजर आया।
4 दिन में 425 किमी का सफर तय करेंगे 825 सायकिल यात्री
825 सायकिल सवारों के इस विशाल जत्थे को रवानगी देने के लिए समूचा गांव उमड़ आया। जत्थे को ग्रामीणों ने मंगलमय यात्रा की कामना करते हुए धूमधाम से गांव के बाहर तक पहुंचाकर रवानगी दी। करीब 425 किमी की यह यात्रा 4 दिन में पूरी करेंगे। यात्रियों को ग्रामीणों ने चल समारोह के रूप में रवानगी दी।
प्रतिवर्षानुसार 19वे वर्ष के रूप मे 04 जनवरी की सुबह गांव के श्री राम मंदिर में यात्री एवं ग्रामीणजन इकट््ठा हुए। यहां पूजन-अर्चन के बाद सॉवरिया सेठ की जय, जयकारों के साथ यात्री गंतव्य को रवाना हुए। ग्रामीणों ने यात्रा के मंगलमयी होने की कामना करते हुए जत्थे को रवानगी दी।
ग्रामीणों ने बताया 2007 में ग्राम के छोटेलाल कुशवाह नाम का युवक जिले से 425 किमी दूर राजस्थान के श्री सांवरियाजी की यात्रा पर मन में संकल्प लेकर गया था जो पुर्ण हुआ। इसके बाद प्रतिवर्ष सायकिल यात्रियों की संख्या बढ़ती गई और यात्रा ने विशाल रूप लिया एवं अनवरत जारी है।
यात्रियों का जगह-जगह पुष्पवर्षा एवं स्वल्पाहार करा कर स्वागत किया गया। चार दिनी यात्रा का पहला पड़ाव धार के पास नालछा, दूसरा रतलाम के पास नामली, तीसरा मंदसौर, चौथा सावरिया सेठ में होगा। इस यात्रा में आस – पास के गॉवों के अलावा खरगोन, बडवानी,धार,व इन्दौर करीब 4 जिलों के भक्त शामिल होते है। सांवरिया जी का मंदिर अतिप्राचीन होकर राजस्थान के चित्तौडगढ़़ जिले में स्थित है। यह सांवलियाजी के नाम से भी जाना जाता है।
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