केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र के बाजार को कंट्रोल करने में रही नाकाम:  प्रांतीय संगठन मंत्री पाटीदार

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ

जिले के किसान भी नेशनल हाईवे पर करेंगे ट्रेक्टर आंदोलन राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने दी चेतावनी 

हलधर किसान. देश की राजधानी दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में अब मप्र के खरगोन जिले में भी आंदोलन की तैयारी शुरु हो गई है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने प्रेसवार्ता आयोजित कर जिले से गुजर रहे मुंबई- आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर tractor आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

इस आंदोलन की रूपरेखा को लेकर महासंघ ने बैठक भी की। इस आंदोलन में किसान पशुधन और परिवार के साथ शामिल होंगे। 

 मंगलवार को राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले कृषि मंडी किसान भवन में प्रेसवार्ता आयोजित की गई। इसमें  प्रांत संगठन मंत्री गोपाल पाटीदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र के बाजार को कंट्रोल करने में नाकाम रही है।

नेशनल हाईवे पर करेंगे ट्रेक्टर आंदोलन 

महज कार्पोरेट जगत के दबाव में किसानों को एमएसपी देने से बच रही है। किसानों ने दो टूक कहा कि यह आंदोलन केवल पंजाब, हरियाणा के किसानों का नही देशभर के किसानों का आंदोलन है। पाटीदार ने कहा कि सयुक्त किसान मोर्चा के अंग होने के नाते हम आंदोलन के साथ है, सरकारों का रुख सत्ता में आकर पूरी तरह बदल जाता है।

विपक्ष में रहकर मांगो का समर्थन और सत्ता में आने के बाद मांगो को लेकर आंदोलन करने वाले किसान खालिस्तानी ओर आतंकी नजर आते है। किसानों ने कहा पीएम मोदी के विपक्ष में रहते हुए किसानों को एमएसपी देने का समर्थन किया था. आज वही किसानों को आंदोलन करने पर मजबूर कर रहे है।

महासंघ पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि दिल्ली कुच कर रहे किसानों के साथ यदि सख्ती की गई तो जिले के किसान समर्थन में जिले के नेशनल हाइवे पर प्रदर्शन करेंगे। इस आंदोलन में निमाड़ अंचल से जुड़े सभी किसान शामिल होंगे।

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ

ह प्रदर्शन ट्रेक्टरों, पशुधन, परिवार के साथ होगा। इस दौरान संभागीय मंत्री रामेश्वर गुर्जर, जिलाध्यक्ष किशोर पाटीदार, विष्णु पाटीदार, उपाध्यक्ष विजय छापडिया, सुखदेव पाटीदार, रमेश गुर्जर, सीताराम इंगला, शंकर जाट, राजेश जाट आदि मौजूद थे।

राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

किसानों ने बैठक के बाद तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि सरकार कार्पोरेट जगत का चौदह लाख छप्पन हजार तीन सौ करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर सकती है तो देश के अन्नदाता को ऋण मुक्त क्यों नही कर सकती?  

2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष में रहते हुए एमएसपी लागू करने की घोषणा की थी, अब खुद की सरकार में इसे लागू करने में क्यों पीछे हठ रहे है? 

तत्काल एमएसपी कानून बनाया जाए।

डॉ. स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए। सी 2 प्लस 50 जोड़कर लागू का डेढ़ गुना दाम दिया जाए।आयात एवं निर्यात नीति दोषपूर्ण है, इसमें बदलाव कर उपज आने के समय निर्यात खोला जाए, न कि व्यापारियों के पास उपज होने पर।  सीसीआई की कपास खरीदी में दो केटेगरी किए जाने की उच्च स्तरीय जांच कि जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *