हलधर किसान, शिवपुरी। कोलारस वन परिक्षेत्र की सनवारा वीट के कक्ष क्रमांक 128,129 में वनकर्मियों ओर आदिवासियों के बीच झड़प का मामला सामने आया है। कुछ आदिवासियों का करीब 20 साल से वन भूमि पर कब्जा है। वह उक्त जमीन पर खेती कर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। इसी जमीन से वन विभाग का अमला उक्त आदिवासियों द्वारा किए गए कब्जे को हटाने पहुंचा और उनकी झोपड़ियों सहित खेत पर हिटैची चलाकर न सिर्फ खेती नष्ट कर दी, बल्कि आदिवासियों द्वारा विरोध किए जाने पर उन पर लाठियां भी बरसाईं। गुस्साए आदिवासियों ने वन विभाग के कर्मचारियों के साथ हाथापाई की तो टीम ने लाठियां भांजी। आदिवासियों ने टीम पर पथराव कर दिया। वनकर्मी और आदिवासियों में हुई झड़प के वीडियो सामने आए हैं। वन विभाग और आदिवासियों ने एक दूसरे की शिकायत कोलारस थाने में दर्ज कराई है।
जानें पूरा मामला

आदिवासियों का कहना है कि पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने उनके लिए यहां पर बोर भी लगवा दिया था। यह बात क्षेत्र में रहने वाले दबंगो को खलती है। अब उक्त लोग उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। इसी के चलते उन्होंने फॉरेस्ट की टीम के साथ मिलकर उनकी मारपीट करवाई है। आदिवासियों ने पुलिस को आवेदन दिया है कि मारपीट में उनके 16 लोगों को चोटें आई हैं।
कृष्णा आदिवासी ने बताया कि वन की 2-4 बीघा पर हम वर्षो से रहकर खेती कर रहें है दबंगों ने हजारों बीघा भूमि जोत रखी है लेकिन वन कर्मियों ने हमारे साथ मारपीट कर हमारे घर तोड़ दिए अब हम कहां जाएंगे जबकि जिन्होने सैंकड़ों बीघा जमीन जोत रखी है उन्हे बेदखल नहीं किया है।
वहीं दूसरी ओर वन विभाग की ओर से रेंजर मंजू उइके द्वारा पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है कि वन अमला सनवारा वीट के कक्ष क्रमांक 128, 129 में निर्माणाधीन वृक्षारोपण में अतिक्रमण कर बनाई गई टपरियों को हटाने की कार्यवाही के दौरान सियाराम आदिवासी एवं उनकी पत्नी ने परिक्षेत्र सहायक कोलारस गिरीश नामदेव, कार्यवाहक वनपाल की गिरेबान पकड़कर झूमाझटकी और मारपीट पर उतारू हो गये। शासकीय कार्यवाही में व्यवधान डालने लगे जिससे परिक्षेत्र सहायक कोलारस गिरीश नामदेव के गले में खरोंच आई है। इसके अलावा उनकी वर्दी फाड़ दी। वन स्टाफ में वन रक्षक रामचरण केवट, दिनेश सहरिया को भी चोटें आई। पुलिस ने दोनों की आवेदनों पर जांच शुरू कर दी है।
आदिवासी महिला ने पुलिस बताया कि वन विभाग के बड़े बाबू को झोपड़ी तोड़ने के लिए मना किया तो उन्होंने बाल पकड़कर लात मार दी। महिला का एक हाथ टूट गया। इसके बाद वनकर्मियों ने लाठियों से हमला बोल दिया। सभी आदिवासी परिवारों के साथ बेरहमी से मारपीट की गई। इतना ही नहीं उन्होंने बच्चों को भी लाठियां मारी। वन विभाग की टीम ने आदिवासियों पर पथराव और अभद्रता करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।