हलधर किसान। मप्र में फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में हुई ओलावृष्टि, तुफान से किसानों की लाखों रुपए मूल्य की फसलें प्रभावित हुई थी, इन प्रभावित फसलों का मुआवजा किसानों को मिलने लगा है। खरगोन जिले के गोगावां जनपद के ग्राम देवली के किसान दशरथ राठौड़ को भी 7 हजार 250 रुपए फसल नुकसानी राशि मिली है। लेकिन इस राशि से किसान संतुष्ट नही है।
लाखों रुपए के हुए नुकसानी के आगे मिले हजारों रुपए के मुआवजे से नाराज किसान किसान राठौड़ एसडीएम कार्यालय पहुंचे। यहां नायब तहसीलदार विजय उपाध्याय से मुलाकात कर शासन स्तर से मिली मुआवजा राशि पर असंतोष जताते हुए राशि लौटाने की बात कही, जिस पर नायब तहसीलदार ने उन्हें एसडीएम या कलेक्टर से मिलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नही है जो किसानों को दी गई राहत राशि वापस लें।
राठौड़ ने नायब तहसीलदार को एक आवेदन भी दिया जिसमें उसने जिक्र किया कि उनकी 5 एकड़ कृषि भूमि है। 2 एकड़ रकबे में मक्का फसल लगाई थी, जो तुफान की चपेट में आने से नष्ट होइ गई। उक्त फसल की बुआई सहित निंदाई, गुडाई, खाद, बीज, दवाई आदि रखरखाव में उसे करीब 40 हजार रुपए खर्च आया था, फसल भी पककर लगभग तैयार थी, जिससे उसे करीब डेढ़ लाख रुपए के उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन प्राकृतिक आपदा से उन्हें यह नुकसान उठाना पड़ा।
सरकार का उपहार उपहृास के समान
कृषक राठौड़ ने बताया कि शासकिय अधिकारी कहते है कि आप इस राशि को सरकार का उपहार समझकर रख लें। राठौड़ का कहना है कि सरकार का यह उपहार उन्हें उपहृास के समान लग रहा हे, वह इस राशि से संतुष्ट नही है,
क्योंकि वे मेहनतकश किसान है, फसल से ही आर्थिक लाभ की उम्मीद रखते है। यदि सरकार किसानों को राहत ही देना चाहती है तो उन्हें सम्मानजनक राशि दें, जिससे उन्हें लागत मूल्य तो मिल सके। उनके खेत में समूची फसल को नुकसान पहुंचा, सर्वे में भी यही रिपोर्ट दर्ज की गई थी, इसके बावजूद महज कुछ हजार रुपए दिए गए जिसे में स्वैच्छा से सरकार को लौटाना चाहता हूं। हालांकि किसान से फिलहाल राशि वापस नही ली गई है।