हलधर किसान। अब तक इंसानों की पहचान बनने वाला आधार कार्ड स्वछंद विचरण करने वाले श्वानों (कुत्तो) का पहचान पत्र भी बनने लगा है। चौकियें मत, यह खबर मुंबई से सामने आई है, जहां 20 श्वानों के फिलहाल पहचान पत्र बनाए गए है, जिन्हें क्यूआर कोर्ड भी दिया गया है। जिसे स्कैन करने पर कुत्ते से जुड़ी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्यूआर कोड वाले पहचान पत्र से कुत्ते का नाम, टीकाकरण, नसबंदी और मेडिकल विवरण की क्या स्थिति है, इसका पता चला जाएगा। मुंबई की महानगरपालिका बीएमसी ने छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 के बाहर 20 कुत्ते के एक झुंड का टीकाकरण किया और उनके गले में पहचान पत्र पहनाए।
बता दें कि यह पहल पाव फ्रेंड नाम की एक संस्था द्वारा शुरू कि गई है। बीएमसी ने इसी संस्था की मदद से कुत्तों के लिए यह खास पहचान पत्र तैयार किए हैं। इस संस्था के अक्षय रिडलान ने बताया कि पहचान पत्र पहनाने और टीका लगाने के लिए कुत्तों का पीछा करना पड़ा। वहीं इस क्यूआर कोड वाले पहचान पत्र से बीएमसी शहर के आवरा कुत्तों या अन्य जानवरों की जानकारी आसानी से जुटा सकती है। इसके अलावा पशु प्रेमी भी अपने पालतू को इसे पहना सकते हैं, ताकि खो जाने पर उसे दोबारा पाने में आसानी हो सके।
कुत्ते खो जाएं तो क्यूआर कोड करेगा मदद
इस पहल के पीछे अक्षय रिडलान नाम के एक इंजीनियर का हाथ है। उन्होंने कुत्तों के लिए बने पहचान पत्र का फायदा बताते हुए कहा कि अगर कोई जानवर कहीं खो जाता है, तो क्यूआर कोड की मदद से ये पता लगाया जा सकता है कि वो असल में कहां से आया है। ऐसे में उसे वापस उसके घर तक पहुंचाया जा सकता है। इसके अलावा एक फायदा ये भी है कि बीएमसी के पास आवारा कुत्तों या अन्य जानवरों से जुड़ी जानकारी उपलब्ध रहेगी।
श्वानों को भी मिले पहचान पत्र! गले मे पहनाए क्यूआर कोड स्कैनर
