जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल के प्रस्ताव का किया स्वागत
हलधर किसान। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निवास पर जर्मनी के प्रो. डॉ. मारियो वायगिट के नेतृत्व में जर्मनी का प्रतिनिधिमंडल मंडल पहुचा।यहां मुख्यमंत्री ने मुलाकात के दौरान कहा कि जर्मनी और भारत के संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं व्यापारिक हैं। स्वास्थ्य, पर्यटन एवं उद्योग के क्षेत्र में जर्मनी के प्रतिनिधि मंडल द्वारा रखे गए प्रस्तावों का मध्यप्रदेश में स्वागत है। प्रतिनिधि मंडल में एंडरास बीहल, मार्टिन हेंकल, क्रिस्टियन हर्रगोट, क्रिस्टियन कलिन, क्रिस्टियन टिचनेर और जॉन्स उर्बेच शामिल थे। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिव शेखर शुक्ला और प्रमुख सचिव उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान कहा कि प्रतिनिधि मंडल द्वारा रखे गए प्रस्ताव के संबंध में रोड मेप तैयार कर उसे अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने स्वास्थ्य, पर्यटन एवं उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को रोड मेप तैयार करने समन्वय बना कर कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों क्षेत्रों में क्या बेहतर हो सकता है इसके लिए पूरा प्रयास करें।
बैठक में आपसी हित के क्षेत्रों में कार्य करने भोपाल में व्यापारिक एवं निवेश बढ़ाने के लिए जर्मन केंद्र स्थापित करने की संभावना पर भी विचार विमर्श किया गया। जर्मन और मध्यप्रदेश के निवासियों के बीच सांस्कृतिक, मैत्रीपूर्ण संपर्क, सम्मान, आपसी समझ और स्थायी मित्रता और पर्यटन को बढ़ावा देने के समझोते पर चर्चा हुई।
..इधर ओमान रिफाइनरी ने सागर जिले में 45 हजार करोड़ रुपए निवेश का रखा प्रस्ताव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से स्टेट हैंगर पर मेसर्स भारत ओमान रिफाईनरीज लिमिटेड के चेयरमेन एण्ड मैनेजिंग डायरेक्टर अरूण कुमार सिंह ने भेंट की । मुख्यमंत्री श्री चौहान को श्री सिंह ने कम्पनी द्वारा सागर जिले की तहसील बीना में प्रस्तावित लगभग 45 हजार करोड़ रूपए के पूँजी निवेश की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री सिंह को राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। कम्पनी के निदेशक रिफाईनरीज संजय खन्ना, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एआरएस भण्डारी, मुख्य वित्तीय अधिकारी एस. राधाकृष्णन, महाप्रबंधक समन्वय आशीष गोयल और प्रबंधक के.पी. मिश्रा उपस्थित थे।
कम्पनी द्वारा प्रस्तावित पूँजी निवेश से एलएलडीपीई, एचडीपीई, पॉलीप्रोपाईलीन, बिटफगिन और बेंजीन आदि का उत्पादन किया जाएगा। इससे प्लांट आपरेशन में 1900 लोगों को प्रत्यक्ष और 5 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त 4 से 5 वर्षों में इकाई स्थापना के लिए होने वाले निर्माण कार्य में 10 हजार और पेट्रो-केम क्लस्टर में स्थापित होने वाले उद्योगों में 50 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। परियोजना का क्रियान्वयन जनवरी 2025 तक हो सकेगा।
पूँजी निवेश की विशेषता यह है कि मेसर्स बीपीसीएल जो भारत सरकार का एक महारत्न उपक्रम है, के द्वारा बीना में पेट्रोकेमीकल कॉम्पलेक्स निर्माण के लिए सहायक इकाई की स्थापना की जा रही है।