नवाचार: महाराष्ट्र के किसान ने खेती को दिया कारोबार का रुप, केले की उपज से बना रहे बिस्किट, हो रहा मुनाफा

महाराष्ट्र के किसान ने खेती को दिया कारोबार का रुप केले की उपज से बना रहे बिस्किट हो रहा मुनाफा

हलधर किसान। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए न केवल सरकार बल्कि किसान भी नवाचार कर रहे है। ऐसे ही महाराष्ट्र एक किसान है , जिन्होंने खेती को कारोबार का रुप दे दिया है, जी हां, महाराष्ट्र के किसान अशोक गाडे ने केले से बिस्किट बनाने का नवाचार किया है, जिसे पेटेंड भी करवाया है।   इस कारोबार से वे घाटे की खेती से उबरकर अब लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे है। आईये जानते है, इसकी शुरुआत कैसे की? 

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जलगांव ‘भारत की बनाना सिटी’ के नाम से मशहूर है। वहां केले की खेती प्रमुख है। लेकिन, कई किसानों के लिए यह फायदे का सौदा नहीं है। अशोक गाडे ने भी महसूस किया कि केले की खेती में लागत ज्यादा और मुनाफा कम है। जब भी वह अपनी उपज बेचने की कोशिश करते, हमेशा नुकसान होता। इसका एकमात्र कारण केले की कम शेल्फ लाइफ का होना है। जल्दी खराब होने की वजह से किसानों को केले जल्द से जल्द बेचने पड़ते हैं। अगर उपज पकने लगे तो उसे औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

पत्नी भी इस कामयाबी की बराबर की हिस्सेदार रही

इस समस्या का समाधान निकालने के लिए अशोक और उनकी पत्नी कुसुम ने केले से वैल्‍यू ऐडेड प्रोडक्‍ट बनाने का फैसला किया। वे केले के चिप्स, जैम, कैंडी, पापड़, चिवड़ा, लड्डू, सेव और गुलाब जैम बनाते हैं। उन्होंने केले से बिस्कुट भी बनाए हैं, जिसका पेटेंट उन्हें इस साल अप्रैल में मिला है। दो और पेटेंट के लिए उन्होंने आवेदन किया है। इनकी समीक्षा चल रही है।

वकालत छोड़ खेती में रखे कदम

अशोक ने जलगांव से LLB की पढ़ाई की थी। पांच साल तक वकालत भी की। लेकिन, 1990 में पिता के निधन के बाद उन्हें खेती संभालनी पड़ी। पीढ़ियों से उनका परिवार केले की खेती करता आ रहा है। पिता की मौत के बाद खेतों की पूरी जिम्मेदारी अशोक के ऊपर आ गई। कानून में दिलचस्‍पी के बावजूद उन्‍हें वकालत को छोड़ना पड़ा। अशोक के पास 12.5 एकड़ जमीन है।

अब है लाखों की कमाई

पिछले तीन सालों से अशोक और उनकी पत्नी केले के बिस्कुट बना और बेच रहे हैं। हाल ही में उन्हें इसके लिए केंद्र सरकार से पेटेंट मिला है। यह पेटेंट उन्हें दूसरों को उनकी अनुमति के बिना उनके आविष्कार की नकल करने से रोकने का अधिकार देता है। अशोक और उनकी पत्नी अब कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और ओडिशा सहित अन्य राज्यों में भी ये केले के बिस्कुट बेच रहे हैं। थोक बाजार में 400-500 रुपये प्रति किलो और खुदरा बाजार में इससे भी ज्यादा कीमत पर बिकने वाले इन केले के बिस्कुट से दंपति को चार गुना तक मुनाफा हुआ है। आज दंपति एक हफ्ते में 200 से 350 किलो केले के बिस्कुट बेचते हैं। उनकी सालाना कमाई 50 लाख रुपये तक है।

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