इसरो के प्रयोग को मिली सफलता, अंतरिक्ष में भेजे गए लोबिया के बीजों में हुआ अंकुरण

ISROs experiment successful cowpea seeds sent in space germinated

हलधर किसान, बेंगलुरु lभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि पीएसएलवी-सी60 पीओईएम-4 प्लेटफॉर्म पर अंतरिक्ष में भेजे गए लोबिया के बीजों में अंकुरण के बाद पहली पत्तियां निकल आई हैं। इसरो ने कहा कि यह अंतरिक्ष आधारित पौध अनुसंधान में एक मील का पत्थर है। भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) की ओर से विकसित कॉम्पैक्ट रिसर्च मॉड्यूल फॉर ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज(सीआरओपीएस) एक स्वचालित मंच है। इसे अंतरिक्ष के सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण वातावरण में पौधों के जीवन को विकसित करने और बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है।

30 दिसंबर को SpaDeX मिशन लॉन्च किया गया था इसरो ने 30 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से रात 10 बजे SpaDeX मिशन लॉन्च किया था। PSLV-C60 रॉकेट से दो स्पेसक्राफ्ट- SDX01 (चेजर) और SDX02 (टारगेट) को पृथ्वी से 475 किमी ऊपर डिप्लॉय किया गया। दोनों स्पेसक्राफ्ट का वजन मिलाकर कुल 440 किलोग्राम है। मिशन के तहत 9 जनवरी को बुलेट की स्पीड से भी दस गुना ज्यादा तेजी से ट्रैवल कर रहे इन दोनों स्पेसक्राफ्ट्स को कनेक्ट किया जाएगा। डॉकिंग से पहले स्पेसक्राफ्ट्स की स्पीड को धीरे-धीरे कम किया जाएगा। डॉक हो जाने के बाद मिशन पेलोड पावर ट्रांसफर का प्रदर्शन करेगा।

इसरो ने कहा कि उसके हालिया प्रयोगों में से एक में सक्रिय तापीय प्रबंधन से सुसज्जित नियंत्रित और बंद वातावरण में लोबिया के बीज उगाना शामिल था। इसरो ने बताया कि इस प्रणाली ने ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर, सापेक्ष नमी, तापमान और मिट्टी की नमी सहित अलग-अलग पैरामीटर की निगरानी की। साथ ही पौधों की वृद्धि पर नजर रखने के लिए तस्वीरें भी लीं।

अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, इस प्रणाली ने अंतरिक्ष में लोबिया के अंकुरण और दो पत्ती वाली अवस्था तक विकास को सफलतापूर्वक सहायता प्रदान की। इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि यह उपलब्धि न केवल अंतरिक्ष में पौधे उगाने की इसरो की क्षमता को प्रदर्शित करती है। बल्कि भविष्य के दीर्घकालिक मिशन के लिए मूल्यवान जानकारी भी प्रदान करती है।

इसरो ने कहा कि पौधे सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल कैसे ढलते हैं? यह समझना जीवन समर्थन प्रणाली विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भोजन का उत्पादन कर सकती है और हवा और पानी बना सकती है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि सीआरओपीएस प्रयोग की सफलता अंतरिक्ष में स्थायी मानव मौजूदगी की दिशा में एक आशाजनक कदम है।

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