14 खरीफ फसलों की MSP, धान के समर्थन मूल्य में 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने दी मंजूरी

हलधर किसान। केंद्र की मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला लेते हुए खरीफ सीजन उत्पादन से पहले किसानों को बड़ी राहत दी है। कैबिनेट और सीसीईए (CCEA) की अहम बैठक में केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 2022-23 फसल वर्ष के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी। इसके साथ ही धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 100 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। तील की एमएसपी पर सबसे अधिक वृद्धि की गई है. इसमें कुल 523 रुपए बढ़ाए गए हैं. वहीं सूरजमुखी की एमएसपी पर 385 रुपए बढ़ाए गए हैं.
2022-23 फसल वर्ष के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,040 रुपये प्रति क्विंटल होगा, जो पिछले साल 1,940 रुपये था। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा, ”आज की कैबिनेट बैठक में 14 खरीफ फसलों के एमएसपी को मंजूरी दी गई।”उन्होंने कहा कि कपास मध्यम रेशा की एमएसपी में 354 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. सोयाबीन के समर्थन मूल्य में 350 रुपए की वृद्धि की गई है. उड़द, मूंगफली, अरहर की सपोर्ट प्राइज को प्रति क्विंटल 300 रुपए बढ़ा गया है. मक्का की एमएमपी इस बार पिछले साल से 92 रुपए ज्यादा है. ज्वार पर 232 तो रागी पर 201 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. सामान्य धान और ग्रेड-ए धान पर 100 रुपए बढ़ाए हैं।
इस साल के लिए धान की “ए” ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपये से बढ़ाकर 2,060 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। खरीफ की प्रमुख फसल धान है, जिसकी बुवाई शुरू हो चुकी है। मौसम विभाग ने जून-सितंबर की अवधि के लिए सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है। इस फैसले के बाद साल 2022-23 के लिए खरीफ की फसलों जैसे धान, सोयाबीन, मक्का आदि फसलों का MSP बढ़ जाएगा और किसानों को अपनी फसल की ज्यादा कीमत मिलेगी। मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र के व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले आठ वर्षों के दौरान शुरू किए गए कई कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला।
आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में इसे फैसले पर अंतिम मुहर लगाई गई है। इससे पहले, रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारत के पास खरीफ के साथ साथ रबी सत्र की उर्वरक की जरूरत को पूरा करने के लिए भी यूरिया का पर्याप्त स्टॉक है और दिसंबर तक इसका आयात करने की जरूरत नहीं होगी।

मोदी सरकार में कृषि बजट कई गुना बढ़ा’
अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दे रहे हैं. 22 करोड़ किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए गए हैं. छोटे किसानों को मजबूत बनाने के लिए 10,000 एफपीओ खोलने की योजना शुरू की गई है. हमारी सरकार पिछले 8 साल से किसानों के हित में काम कर रही है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के जीवन में समृद्धि लाने और उनकी कमाई बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. हम न सिर्फ लगातार एमएसपी में बढ़ोतरी कर रहे हैं बल्कि अधिक से अधिक खरीद भी कर रहे हैं. हमारी सरकार में कृषि बजट कई गुना अधिक बढ़ गया है. एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के लिए 1 लाख रुपए जारी किए गए हैं. हम किसानों के लिए सिंचाई से लेकर बीमा तक, मिट्टी की सेहत से लेकर पेंशन तक पर काम कर रहे हैं

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