आयरन और जिंक की मात्रा से भरपूर है नारियल और कोको की नई किस्में

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आज पीएम मोदी करेंगे लांच, केरल के सीपीसीआरआई ने तैयार कि है दो- दो किस्में 

हलधर किसान , केरल। केरल के कासरगोड जिले में स्थित आईसीएआर के केंद्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान (सीपीसीआरआई) ने नारियल और कोको की दो.दो नई किस्में विकसित की हैं। पीएम मोदी इन नई किस्मों को जारी करेंगे।

 पीएम मोदी 11 अगस्त को फसल की 109 किस्मों को जारी करने वाले हैं। उनमें नारियल और कोको की यह नई किस्में भी शामिल हैं। सीपीसीआरआई ने नारियल की कल्पा सुवर्णा व श्कल्पा शताब्दी और कोको की वीटीएल सीएच-1, और वीटीएल सीएच- 2 किस्में विकसित की हैं जिन्हें पीएम मोदी लॉन्च करेंगे।

संस्थान के निदेशक डॉ हेब्बार केबी ने बताया यह सीपीसीआरआई के लिए बड़ा अवसर है क्योंकि खुद पीएम मोदी नई किस्मों को जारी करने वाले हैं। नारियल की यह दोनों किस्में जलवायु लचीली होने के साथ तटीय क्षेत्र के लिए उपयुक्त हैं। इनमें आयरन और जिंक की मात्रा अधिक होती है। इनकी गुणवत्ता काफी अच्छी है। अब तक संस्थान नारियल की 21 किस्में जारी कर चुका है।

कल्पा सुवर्णा में मिलेगा इतना फल –

 कल्पा सुवर्णा एक बौना, उच्च उपज देने वाला नारियल है। इसके फल हरे रंग के, आयताकार होते हैं। यह नारियल मीठे कोमल पानी और अच्छी गुणवत्ता वाले खोपरा से युक्त होता हैं। यह जल्दी फूलने वाली किस्म रोपण के 30.36 महीने बाद कोमल नारियल पानी और खोपरा उत्पादन के प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त है। यह किस्म प्रति वर्ष प्रति ताड़ 108.130 नट पैदा करती है। केरल और कर्नाटक इसकी खेती के लिए उपयुक्त हैं।

जानें कितनी उपज देगी कल्पा शताब्दी –

 कल्पा शताब्दी एक लंबी, दोहरे उद्देश्य वाली नारियल किस्म है। इसके फल बड़े होते हैं। यह खोपरा और कोमल मेवे के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। इसमें हरे.पीले रंग के फल लगते हैं। इसमें अधिक मात्रा में करीब 612 मिली लीटर कोमल मेवे का पानी होता है। इस किस्म में खोपरा की मात्रा अधिक होती है। यह किस्म प्रति वर्ष प्रति ताड़ 105.148 मेवे देती है। केरलए कर्नाटक और तमिलनाडु इसकी खेती के लिए उपयुक्त हैं।

इसलिए खास है वीटीएल सीएच – 1

कोको किस्मों की बात करें तो वीटीएल सीएच1 मध्यम छतरी और जल्दी व उच्च उपज देने वाली हाइब्रिड किस्म है। यह सुपारी और नारियल दोनों के नीचे होता है और उच्च घनत्व वाले रोपण के लिए उपयुक्त है। यह किस्म 15.18 वर्ग मीटर की छतरी में प्रति पेड़ प्रति वर्ष 1.5 . 2.5 किलोग्राम सूखी फलियों की उपज देती है। सीपीसीआरआई केरलए कर्नाटक और तमिलनाडु में इसकी खेती की सिफारिश करता है।

इन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है वीटीएल सीएच – 2

 वीटीएल सीएच.2. काली फली सडऩ रोग प्रतिरोधक क्षमता वाला एक जल्दी और उच्च उपज देने वाला कोको हाइब्रिड है। यह किस्म सुपारी और नारियल के बगीचों के लिए उपयुक्त है। संस्थान के अनुसार इस किस्म की सूखी फलियों की उपज 14.20 वर्ग मीटर के क्षेत्र में प्रति पेड़ प्रति वर्ष 1.5.2.5 किलोग्राम है। केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और गुजरात के लिए अच्छी वैरायटी है। 

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