निमाड़ के सफेद सोने की विदेश में धमक बरकरार..

निमाड़ के सफेद सोने की विदेश में धमक बरकरार

*दिल्ली की बीटल संस्था के अथक प्रयासों से 1 माह में दो अलग-अलग देशों से विदेशी मेहमान निमाड़ के सफेद सोने कपास को देखने पहुंच रहे हैं* 

पुनर्योजी कपास खेती के तौर तरीके जानने डोंगरचिचली पहुंचे विदेशी मेहमान 

निरंजनलाल अग्रवाल फाउंडेशन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में नीदरलैंड की ब्रिटनी मेडम ने की सहभागिता

हलधर किसान खरगोन।  निमाड़ में सफेद सोने के नाम से मशहूर कपास फसल की चमक- धमक विदेशों में बरकरार है। निमाड़ क्षेत्र में बेहतर गुणवत्ता के कपास उपज के चलते यहां विदेशी कारोबारियों, उद्योगपतियों की आवाजाही बनी रहती है। दो माह पहले याने अक्टूबर माह में चायना से उद्यमी जिले में आए थे, वहीं इस माह नीदरलेंड  की ब्रिटनी मेडम कपास उत्पादन के तौर- तरीके जानने जिले में पहुंची। ब्रिटनी मेडम ने निरंजनलाल अग्रवाल फाउंडेशन के ग्राम डोंगरचिचली में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेकर फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे जैविक कपास कार्यक्रम को जाना। इसमें फाउंडेशन के आशुतोष अग्रवाल ने किसानों एवं निदरलेंड की उद्यमी ब्रिटनी को बताया कि  रसायनिक के बजाय जैविक कपास की मांग एवं किमत अधिक होने से फाउंडेशन द्वारा किसानों को पुनर्योजी पद्धति से कपास उत्पादन के लिए जागरुक किया जा रहा है। इसका मूल उद्देश्य है कि भारत में कपास उत्पादन के क्षेत्र में पुनर्योजी विधि को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत मंच तैयार किया जा सके ताकि देश में कपास उत्पादन अर्थ व्यवस्था को स्थायित्व मिल सके। 

 फाउंडेशन संस्थापक प्रितेश अग्रवाल ने बताया वर्तमान में, पारंपरिक खेती से पुनर्योजी कृषि में रूपांतरण कपास की खेती के लिए एक वरदान है। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा, इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।

 संस्था अधिकारी मुकेश सिंह चौहान ने बताया विदेशी मेहमान का पारंपरित तरीके से तिलक लगाकर स्वागत किया गया।  अतिथियों एवं ग्रामीणों से परिचय भी करवाया। फाउंडेशन एवं ग्रामीणों द्वारा किए गए आत्मिय सम्मान से मेडम ब्रिटनी बेहद खुश हुई। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने फाउंडेशन के पुनर्योजी कृषि कार्यक्रम की सराहना करते हुए कपास की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए रासायनिक का उपयोग कम कर, गोबर खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।   

बिटल रिजन साल्यूशन संस्था दिल्ली के राजीव बर्वा, अमोल मिश्रा, हेमंत राजपुत ने भी कपास उद्योग को लेकर जानकारी साझा कि। इस दौरान निरंजन लाल संस्था के रविन्द्र यादव, शांतिलाल राठौड़, अनिल यादव, बीटल संस्था के केविन शाहदरिया, दिव्या बासवानी, सुमेधा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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