हलधर किसान नई दिल्ली। भारत में महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ रही है और महिला श्रमिकों की संख्या खास तौर पर ज्यादा गति से आगे बढ़ी है, इसको लेकर जो आंकड़ा आया है वो खास तौर पर इस बात की तस्दीक करता है कि महिलाएं अब जमकर बाहर निकल रही हैं और देश के रोजगार की तस्वीर में भी अपनी अहम जगह बनाने में कामयाब हो रही है।
सांख्यिकी मंत्रालय की ताजा पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण . वार्षिक रिपोर्ट, जुलाई 2023 . जूनए 2024,) रिपोर्ट में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। इस सर्वे रिपोर्ट में ये पाया गया है कि भारत में लेबर फोर्स का स्वरूप बदल रहा है और महिला वर्करों की भागीदारी में अच्छी बढ़ोतरी हो रही है।
महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 41.7 प्रतिशत –
सर्वे रिपोर्ट में यह महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है की 15 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं की भारत के लेबर फोर्स में भागीदारी जुलाई, 2022.23 में 37 प्रतिशत थी जो 2023.2024 में बढ़कर 41.7 फीसदी हो गई, यानि एक साल में महिला वर्करों की संख्या में करीब 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

सांख्यिकी मंत्रालय के मुताबिक 15 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात ग्रामीण क्षेत्रों में 2017.18 में 48.1 प्रतिशत से बढ़कर 2023.24 में 62.1 प्रतिशत हो गया, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 43.9 प्रतिशत से बढ़कर 49.4 प्रतिशत हो गया। भारत में पुरुषों के लिए 2017.18 में 71.2 प्रतिशत से बढ़कर 2023.24 में 76.3प्रतिशत हो गया और महिलाओं के लिए में वृद्धि 22.0 प्रतिशत से बढ़कर 40.3 प्रतिशत हो गई।
7 साल में बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हुई –
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017.2018 से 2023.2024 के बीच 7 साल में बेरोजगारी दर 6प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई। अगर 2022.2023 से 2023.2024 के बीच बेरोजगारी दर को देखें तो वह 3.2 फीसदी की रेट पर स्थिर है।
पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे में ये भी खुलासा हुआ है कि पिछले सात साल में 15 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के श्रम बल सहभागिता दर यानि काम करने या काम के लिए उपलब्ध लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। सांख्यिकी मंत्रालय की रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया है कि देश में सैलरी वाले श्रमिकों की कमाई सेल्फ एम्प्लाईड के अनुपात में ज्यादा बढ़ी है।
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