देश सहित विदेशों में ज्योतिष विद्या का मान बढ़ा रहे ज्योतिषाचार्य सोनी, कई उपाधियों से हो चुके है सम्मानित
हलधर किसान। अपने भविष्य को जानने की इच्छा सभी के मन में रहती है और इसे जानने का एक मात्र साधन ज्योतिषशास्त्र है। ज्योतिषशास्त्र के कई भाग हैं जिनमें वैदिक ज्योतिष को सबसे प्राचीन माना जाता है। इस ज्योतिष विद्या का नाम वैदिक ज्योतिष इसलिए पड़ा है क्योंकि इसकी उत्पत्ति वेदों से हुई है। वेदों की संख्या चार है जिनमें ऋग्वेद सबसे प्राचीन है। ऋगवेद में ज्योतिष से संबंधित 30 श्लोक हैं। यजुर्वेद में 44 और अथर्ववेद में 162 श्लोक मिलते हैं। ज्योतिष विद्या में हर समस्या का समाधान है बस जरुरत है। इस पर विश्वास करें। उक्त विचार अजमेर निवासी अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ज्योतिषाचार्य, परम मुनि भक्त डॉ. सुदीप सोनी ने विशेष चर्चा के दौरान व्यक्त किए है। आपका मार्ग सितारों के रोडमेप द्वारा प्रकाशित है, मैं यहां आपका मार्गदर्शन करने के लिए हूं… का संदेश लेकर ज्योतिषचार्य श्री सोनी नामी एस्ट्रोलॉजर होकर देश सहित विदेशों में ज्योतिष विद्या का मान बढ़ा रहे है। ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ, हस्तरेखाविद्, रिलेशनशिप काउंसलर के लिए उन्हें अमेरिका, मलेशिया, दुबई, औरंगाबाद, श्रवणबेलगोला सहित कई स्थानों पर सम्मानित किया जा चुका है।
ज्योतिषाचार्य श्री सोनी बताते है कि ज्योतिष एक तरह से विज्ञान है। जिसमें मानव जीवन पर ग्रह.नक्षत्रों के प्रभाव को तर्कसंगत व गणितीय आधार पर अध्ययन किया जाता है। इन सभी आंकड़ों का बहुत सूक्ष्मता के साथ अध्ययन होता है। जिसके फलस्वरूप कुछ आंकड़े मिलते हैं, सूचनाएं मिलती हैं और उन्हीं आधार पर मानव विशेष के वर्तमान, भूत एवं भविष्य की जानकारी दी जाती है।
चर्चा में श्री सोनी ने ज्योतिष की भ्रांतियों पर भी खुलकर चर्चा की, उन्होंने बताया ज्योतिष को लेकर एक आम धारणा है कि ये भविष्य के बारे में बताता है, लेकिन ज्योतिष सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। वास्तव में ज्योतिष ग्रहों, राशियों, नक्षत्रों के अध्ययन का क्षेत्र है। इसमें पंचतत्व आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी और तीनों प्रकृति वात, पित्त और कफ के साथ मानव जीवन के जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी कार्यों का अध्ययन किया जाता है। आप ज्योतिष पर यकीन करें या न करें, लेकिन सच यही है कि हर शख्स प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ज्योतिष से जुड़ा हुआ है। वैसे ज्योतिष को न मानने से कोई अहित नहीं है।
मानने वालों को मिलता ये फायदा
जो लोग ज्योतिष को मानते हैं,उन्हें इसके जरिए लाभ जरूर मिल सकता है। क्योंकि ज्योतिष जीवन के हर क्षेत्र में लाभकारी है और दिशा दिखाने वाला है। शास्त्रों में इसे ज्योति शास्त्र कहा गया है। इसे वेदों का नेत्र की उपमा दी गई है। अगर आपको शारीरिक कष्ट है तो ज्योतिष कुछ नहीं कर पाएगा, उसे चिकित्सक ही ठीक करेगा। लेकिन शारीरिक कष्ट की संभावना है तो ज्योतिष आपको इससे सचेत रहने की हिदायत पहले से दे सकता है। जैसे मौसम विभाग आंधी, तूफान की पूर्व सूचना देकर आपको सचेत करता है। ज्योतिष उस विद्या को कहते हैं जिसमें मनुष्य तथा पृथ्वी पर, ग्रहों और तारों के शुभ तथा अशुभ प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। भारत में 12 राशियों के 27 विभाग किए गए हैं, जिन्हें नक्षत्र कहते हैं। ये हैं अश्विनी, भरणी आदि। फल के विचार के लिये चंद्रमा के नक्षत्र का विशेष उपयोग किया जाता है।

इन सम्मानों से हो चुके है सम्मानित
ज्योतिषाचार्य डॉ. सुदीप सोनी अजमेर को श्री गोमटेश्वर महामस्तकभिषेक महोत्सव कमेटी 2018 द्वारा परम पूज्य आचार्य श्री 108 वर्धमान सागरजी ससंघ सहित 125 अन्य साधु साध्वियों एवं पूज्य चारुकीर्ति भट्टारक महास्वामीजी सहित के सानिध्य में एवं उपस्थित विशाल जनसमुदाय के मध्य ज्योतिष्य विद्याभूषणÓ की उपाधि से अलंकृत किया जा चुका है। ज्ञातव्य हो कि सुदीप ने ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान पूज्य स्वामीजी से ही प्राप्त किया एवं पूज्य स्वामीजी ने अपने शिष्य का सम्मान किया।

समाज में भी निभा रहे दायित्व
ज्योतिषाचार्य सोनी श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन खंडेलवाल महासभा के राष्ट्रीय मंत्री भी नियुक्त किए जा चुके है। उन्हें श्री ज्योतिष विश्वविध्यापीठ एवं आर्यभट्ट ऐस्ट्रोनॉमी द्वारा बेस्ट ऐस्ट्रोलॉजरÓ की उपाधि से अलंकृत किया जा चुका है। यह सम्मान नागपुर के होटेल टूली इम्पीरीयल में आयोजित सम्मेलन के दौरान देश के अनेक विख्यात ज्योतिषी एवं वास्तुविधो, मशहूर फि़ल्म अदाकारा वर्षा उसगांवकर की उपस्थिति में बेस्ट ऐस्ट्रोलॉजर की ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया था।
