हलधर किसान। बीज कानून पाठशाला के आज के अंक में जानिये…
सोयाबीन फसल विशेष रूप से मध्य प्रदेश के लिए सफेद सोना है। मध्य प्रदेश में विशेष फसल होने के नाते बीज भी उत्तम ही नहीं सर्वोत्तम उपलब्ध कराया जाना चाहिए। बीज चाहे प्रमाणित वर्ग का हो या टुथफुल वर्ग का, सभी भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानक-1988 तथा 2013 की पालना कर ही तैयार किए जाते हैं। बिना मानकों की पालना के कोई बीज, बीज नहीं कहलाता। इन मानकों में प्रत्येक फसल के न्यूनतम खेत मानक एवं बीज मानक दिये गये हैं।
1. सोयाबीन बीज मानक :-
भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानक-1988 में सोयाबीन के बीज मानक दिए गये हैं जिनके अनुसार सोयाबीन का न्यूनतम अंकुरण 70 प्रतिशत (हार्ड सीड के साथ Including Hard Seed) अंकित है, कहने का अर्थ है सोयाबीन के परिक्षण में यदि परिक्षणशाला से एक लॉट का अंकुरण प्रतिशत 68% तथा साथ में 4 हार्ड सीड रिपोर्ट होते हैं तो सोयाबीन के उस लॉट का अंकुरण 68 + 4 = 72% हुआ, जो न्यूनतम 70% अंकुरण से ज्यादा है अर्थात् लॉट पास है न कि फेल। हार्ड सीड जोडकर बीज प्रमाणीकरण में और साथ ही बीज निरीक्षक द्वारा टैस्ट कराये गये दोनों प्रकार के सैम्पलों में मान्य है और इस प्रकार सोयाबीन फसल में Hard Seed का ध्यान रख कर बीज प्रमाणीकरण एवं बीज निरीक्षक के द्वारा टैस्ट कराये गये अनेकों लॉटों को फेल होने से बचाया जा सकता है।
2. 2013 के बीज मानक :-
भारत सरकार ने 1988 के बाद 2013 में भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानकों का संकलन जारी किया जिसमें सोयाबीन का न्यूनतम अंकुरण 70% बताया और Including Hard Seed वाक्यांश नहीं अंकित किया। अतः बीज प्रमाणीकरण संस्थाएं परिक्षण रिपोर्ट में हार्ड सीड होने पर भी अंकुरण प्रतिशत में नहीं जोड़ेंगे और परिक्षण रिपोर्ट में हार्ड सीड होने पर भी लॉट Sub Standard कर देंगे और दलील देंगे कि हमारी नीली किताब Indian Minimum Seed Certification Standard 2013 में Hard Seed जोड़ कर अंकुरण की गणना करना अंकित नहीं है। लेखक ने इस बारे केन्द्रयी बीज प्रमाणीकरण बोर्ड को वर्ष 1988 एवं 2013 के संस्करण में Including Hard Seed हटाने का कारण पूछा तो उन्होंने सकारात्मक उत्तर दिया कि सोयाबीन के Result में Hard Seed जुड़ने चाहिए परन्तु उन्होंने यह सूचना सभी राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्थाओं और कृषि निदेशालय को देनी चाहिए थी जिससे बीज उत्पादक एवं बीज विक्रेता सभी लाभान्वित हो सकें। हार्ड सीड के प्रयोग करने से बहुत सारे लॉट अधोस्तर (Sub Standard) होने से बचाए जा सकते हैं।

कृषि आदान विक्रेता साथियों अगले सीजन में सोयाबीन बीज का सीजन आने वाला है।।आप ध्यान से इस आर्टिकल के एक-एक शब्दों को पढ़ें एक नंबर पर जो जानकारी दी गई है। सोयाबीन बीज मानक उसमें सोयाबीन बीज का न्यूनतम अंकुरण 70% हार्ड सीड के साथ अंकित है कहने का अर्थ है सोयाबीन के परीक्षण में यदि प्रतियोगशालाओं के द्वारा एक लॉट अंकुरण प्रतिशत 68 पर्सेंट आया तथा साथ में 4 हार्ड सीड रिपोर्ट होते हैं तो सोयाबीन के उस लॉट का अंकुरण 68 + 4 बराबर 72 परसेंट हुआ जो न्यूनतम सोयाबीन बीज के 70 परसेंट अंकुरण से ज्यादा है। अर्थात लॉट पास है ना कि फेल इस बात की जानकारी हमारे अधिकांश कृषि आदान व्यापारियों को नहीं है और ना ही विभाग के अधिकारी लोग इस बात को बताते हैं, जिससे भ्रम पैदा होता है और व्यापारियों को जानकारी के अभाव में परेशान होना पड़ता है। आपको समय-समय पर हमारे मार्गदर्शक आरबी सिंह के द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाती है कृपया उसको पढ़ें समझे और अपने रिकॉर्ड में संभाल कर रखें ताकि समय आने पर वह काम आए आपका श्री कृष्णा दुबे अध्यक्ष जागरूक कृषि आदान विक्रेता संघ जिला इंदौर.

आर.पी. सिंह, सहायक महाप्रबंधक (सेवानिवृत), नेशनल सीड्स कारपोरेशन लि० (भारत सरकार का संस्थान) सम्प्रति शिवछाया, 320, सुन्दर नगर, हिसार-हरियाणा, दूरभाष सम्पर्क 97290-62567