महाराष्ट्र के किसानों को स्विट्जरलैंड की कोर्ट देगी कानूनी मदद

यवतमाल में कीटनाशक छिड़काव से 23 किसानो की पॉइजनिंग की चपेट में आने से हुई थी मौत

हलधर किसान। स्विट्जरलैंड की एक कोर्ट ने महाराष्ट्र के तीन किसानों को कानूनी मदद देने का फैसला किया है। यवतमाल के इन किसानों ने स्विट्जरलैंड की एग्रोकेमिकल कंपनी सिंजेंटा के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। सिंजेंटा कंपनी के पोलो नामक कीटनाशक के छिड़काव के चलते यवतमाल के सैकड़ों किसान पॉइजनिंग की चपेट में आ गए थे जिनमें से 23 किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद यवतमाल के तीन किसानों ने कंपनी को कोर्ट में घसीटकर मुआवजे की मांग की थी। साल 2021 में सिंजेंटा कंपनी के खिलाफ स्विस कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जिसमें खेत में कीटनाशक के छिड़काव के दौरान जहर की वजह से किसानों की मौत का मुद्दा उठाया गया था। किसानों ने स्विट्जरलैंड के बासेल के सिविल कोर्ट में केस दर्ज किया था।
आरोप है कि साल 2017 में कपास के खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करते वक्त यवतमाल के सैकड़ों किसान पॉइजनिंग का शिकार हो गए थे। इसमें से 23 किसानों की मौत हो गई थी। एक किसान और दो मृतकों की पत्नी ने मल्टीनैशनल कंपनी को पॉइजनिंग के कारण मौत और विकलांगता के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मुकदमा दायर किया था।स्विस कंपनी सिंजेंटा के खिलाफ केस दाखिल करने में पेस्टिसाइड ऐक्शन नेटवर्क (PAN) नाम के एनजीओ ने पीड़ित किसानों की मदद की थी। एनजीओ के नरसिम्हा रेड्डी के अनुसार, ‘कानूनी मदद मिलने का मतलब है कि केस के वादियों को स्विस सरकार स्कीम के जरिए आर्थिक मदद दी जाएगी।’ उन्होंने बताया कि कानूनी मदद पर फैसला एक महीने पहले आया था।

मध्यस्थता विफल होने के बाद दर्ज हुआ केस
केस के वादियों ने दावा किया था कि दोनों किसानों की मौत और जीवित बचे किसान को स्वास्थ्य दिक्कतों के पीछे सिंजेंटा कंपनी का पोलो पेस्टिसाइड जिम्मेदार है। जब कंपनी ने आरोपों से इनकार किया तो एनजीओ ने पुलिस रेकॉर्ड में सिंजेंटा कीटनाशक से जुड़े पॉइजनिंग के 96 केस के डॉक्युमेंट पेश किए। याचिकाकर्ताओं ने जून 2021 में बासेल के एक सिविल कोर्ट में केस दाखिल किया था। एनजीओ ने एक नोट साझा किया जिसमें कहा गया कि स्विट्जरलैंड में अनिवार्य मध्यस्थता प्रक्रिया विफल होने के बाद केस दर्ज किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *