सिंचाई रकबा 145 फीसदी बढऩे व खेती में लगातार नवाचार का असर
हलधर किसान। मप्र के खरगोन जिले ने पिछले दो दशक में कृषि के क्षेत्र में बेहतर प्रगति की है। 94 फीसदी खेती के रकबे में सिंचाई और विभागीय योजनाओं के सहारे कृषि विकास की दर 3 से बढ़कर 17 प्रतिशत व कृषि आधारित उद्योग लगने से औद्योगिक विकास दर 5 से बढ़कर 29 प्रतिशत हो गई है। उल्लेखनीय है कि 2003 में 1 लाख 43 हजार 518 हेक्टेयर में सिंचाई होती थी। अब रकबा 145 फीसदी बढ़कर 4 लाख 31 हजार 827 हेक्टेयर हो गया है। कृषि विभाग के मुताबिक किसान लगातार तकनीकी जैविक व प्राकृतिक फसल की तरफ बढ़ रहे है। इस वजह से खरीफ, रबी और उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में भी 50 से 200 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। आगामी साल भर में 100 फीसदी रकबे में सिंचाई प्रस्तावित की गई है। वहीं जिले में महत्वपूर्ण उद्योगों की बात कि जाएं तो सनावद में 9.68 करोड़ रूपये की लागत से कुल कलस्टर की स्थापना की गई है। भूमि आवंटन भी शीघ्र होना है। जबकि बड़वाह में 6 करोड़ की लागत से औद्योगिक क्षेत्र का उन्नयन किया गया। वहीं जिले में 350 से ज्यादा औद्योगिक ईकाइयों की स्थापना 1500 करोड़ का पूंजी विनियोजन हो रहा है। शासन स्तर पर विकास पर्व मनाया गया। इस घड़ी में जिले की यह अभूतपूर्व उपलब्धि है।
मिर्च व कपास का निर्यात होना भी है वजह
जिले में सालाना 500 क्विंटल मिर्च का निर्यात हो रहा है। 2003 में प्रदेश की बड़ी मिर्च बेडिया मंडी में 16481 क्विंटल मिर्च की आवक से 5 लाख 57 हजार 974 रुपए आय थी। अब आवक 4 लाख 2411 क्विंटल एवं आय 6 करोड 22 लाख 80 हजार 919 रुपए हो गई है। जबकि कपास का निर्यात 450 करोड़ के आसपास है। कॉटन यार्न, पीपी बैग्स, कार्टन बेल्स, फैब्रिक्स का अमेरिका, जर्मनी, जापान, स्विटजरलैंड, श्रीलंका, दुबई, फ्रांस, स्पेन, पोलैंड, इटली तक जा रहा है।
उप संचालक कृषि एमएल चौहान ने बताया हैं सिंचाई का रकबा बढऩे से फसल उत्पादन में वृद्धि हो रही है। किसानों को फसल बीमा व समर्थन मूल्य पर खरीदी का लाभ मिल रहा है। तकनीकी खेती के अलावा जैविक व प्राकृतिक खेती में लगातार नवाचार कर रहे हैं। उद्यानिकी अफसरों के मुताबिक उद्यानिकी वऊसलों में खाद्य प्रसंस्करण और मसाला सब्जियों में सीडलिंग को बढ़ावा देने से उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।