मप्र में तिलहन फसलों पर मंडरा रहा वायरस का खतरा, किसान चिंतित

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हलधर किसान। मध्य प्रदेश में केवल कोरोना वायरस ही नहीं बल्कि फसलों का वायरस भी किसानों का सिरदर्द बन गया है. किसानों को तिलहन की फसलों पर वायरस का खतरा मंडरा रहा है. ऐसी स्थिति में कृषि विभाग लगातार फसलों की मानिटरिंग कर रहा है. दूसरी तरफ किसान भी अपनी ओर से वायरस से बचने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रभाव से आम लोग अच्छी तरह वाकिफ हैं लेकिन अब फसलों पर भी वायरस का खतरा मंडरा रहा है.

किसान ने क्या बताया
उज्जैन जिले की घटिया तहसील के किसान मुकेश शर्मा के मुताबिक, 2 साल पहले भी फसलों पर वायरस ने अटैक किया था.इसके दुष्प्रभाव देखने को मिले थे. इस बार भी वायरस का खतरा मंडरा रहा है. किसान अपनी ओर से वायरस से बचने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. किसानों द्वारा लगातार वायरस से बचने के लिए दवाओं का छिड़काव भी किया जा रहा है. इसके अलावा अच्छी पैदावार के लिए फसल पोषक के लिए जरूरी तत्वों का छिड़काव भी हो रहा है. दूसरी तरफ कृषि विभाग के अधिकारी भी मुस्तैद हैं.

कृषि मंत्री ने क्या कहा
कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है. फसल बीमा पहले ही करवा लिया गया है.यदि किसी प्रकार के फसल का नुकसान होगा तो किसानों को फसल बीमा के माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा. फिलहाल कहीं भी वायरस के अटैक की खबर अभी विभाग को नहीं मिली है, लेकिन कृषि विभाग को पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है.

क्या होता है वायरस अटैक से
वायरस का अटैक तिलहन फसलों पर होने से फसल पीली पड़ जाती है. फसलों का समय पूरा होने से पहले ही वे सूख जाती हैं.इसके अलावा दाने का विकास भी नहीं होता है. इससे किसानों के फसलों की उपज आधी से भी कम रह जाती है.मध्य प्रदेश में विशेषकर किसानों द्वारा क्षेत्रवार फसलें बोई जाती हैं. मालवा अंचल में सबसे ज्यादा गेहूं और सोयाबीन की फसल बोई गई है.

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