सीसीआई खरीदी के लिए कतार में लगा कपास वाहन रिजेक्ट होने पर बिफरे किसान, बिक्री में धांधली का लगाया आरोप
खरगोन। एक ओर जहां किसान दिवस पर देश, प्रदेश सहित जिले में किसानों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है तो वही शहर की आनंद नगर स्थित कपास मंडी में किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अर्धनग्न प्रदर्शन करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि हाल ही में 16 दिसंबर को भी प्रति एकड़ कपास उपज के साथ ही महज ढाई सौ वाहनों से कपास खरीदी की व्यवस्था लागू करने पर भी चक्काजाम प्रदर्शन हो चुका है।

मंडी में भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा की जा रही खरीदी लगातार विवादों में घिरती जा रही है। कभी खरीदी नियमों में बदलाव तो कभी मानकों को लेकर हंगामें हो रहे है। सोमवार को भी ऐसी ही स्थिति उस वक्त बनी जब सीसीआई को अपनी उपज बेचने के लिए कतार में लगे किसानों के कपास वाहनो को रिजेक्ट कर दिया गया। इसके चलते किसानों ने हंगामा करते हुए सीसीआई सहित मंडी प्रबंधन पर मनमानी, धांधली एवं अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरु कर दिया। हंगामा कर रहे किसानों ने पहले मंडी गेट बंद कर चक्काजाम प्रदर्शन किया फिर अर्धनग्न होकर नारेबाजी की। वही मंडी प्रभारी ने किसानों के आरोपों को नकारते हुए कहा कि नियमानुसार खरीदी की जा रही है। सोमवार को भी जिनके कपास को रिजेक्ट किया वह किसान प्रदर्शन करने लगे।
अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचे कृषक महेश सोलंकी बड़वाह ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार जय जवान, जय किसान का नारा लगाती है, यह किसानों के लिए शर्म का कारण बन गया है, आए दिन ठगी का शिकार होने से किसान जय जवान नही, मुर्ख किसान बनता जा रहा है। पिछले चार दिन से उपज लेकर मंडी में डेरा डाले है, अब उपज बिक्री की बारी आई तो कपास रिजेक्ट कर दिया, जबकि अच्छी गुणवत्ता का कपास है।
कर रहे अवैध वसूली
कृषक आत्माराम यादव बलखडिया ने आरोप लगाया कि सीसीआई को कपास बिक्री के नाम पर अवैध वसूली का खेल भी हो रहा है। व्यापारियों द्वारा कम किमत पर खरीदी होने से सभी किसान सीसीआई को अपनी उपज बेचना चाहते है, ऐसे में कुछ बिचौलिये भी सक्रिय है और उपज बिकवाने के नाम पर अवैध वसूली भी कर रहे है।
8 दिन से ले रखा है टोकन
कृषक जाकिर खान ने कहा कि 10 एकड़ रकबे में महज 24 क्विंटल कपास उत्पादन हुआ। अतिवृष्टि से सारी फसल खराब हो गई। पिछले 8 दिनों से अच्छी किमत की आस में सीसीआई को कपास बेचने के लिए कतार में लगे है, आज खरीदी के लिए नंबर लगा तो उपज रिजेक्ट कर दिया। मंडी प्रबंधन को इसकी शिकायत की तो उन्होंने सीसीआई खरीदी मामले में हस्तक्षेप नही करने का दो टूक जवाब दे दिया, यदि मंडी प्रबंधन कोई जिम्मेदारी नही लेता तो परिसर में खरीदी क्यों?
इनका कहना है-
सीसीआई द्वारा करीब 250 वाहनों की खरीदी की जा रही है, इसमें जो पैरामीटर है उसके आधार पर खरीदी हो रही है, जो कपास उनके मापदंड पर खरा नही उतरता उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। अवैध वसूली के आरोप निराधार है, जो कपास गुणवत्ता पर खरा नही उतरता वह व्यापारी को बेच सकते है। रामचंद्र भास्करे, कपास मंडी प्रभारी।