हलधर किसान ज्योतिष.अजमेर। सनातन धर्म में आषाढ़ महीने का विशेष महत्व है, जो इस वर्ष 23 जून से शुरू होकर 21 जुलाई तक चलेगा। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा का खास प्रावधान है। वैसे तो वर्ष में 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं। याने हर माह दो एकादशी होती है।
यह सभी भगवान विष्णु को समर्पित है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए एकादशी के दिन कुछ लोग निर्जला उपवास भी रखते हैं। आषाढ़ माह में कई व्रत.त्योहार मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक योगिनी एकादशी भी है। इस व्रत के प्रभाव से भगवान विष्णु के साथ.साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। आषाढ़ महीने में विशेष रूप से देवशयनी और योगिनी एकादशी का व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। इस आषाढ़ महीने में कौन सी एकादशी कब मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य सुदीप जैन सोनी के अनुसार
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 1 जुलाई की सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर होगा। यह तिथि 2 जुलाई की सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार, उदयातिथि के अनुसारए योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई 2024 को रखा जाएगा। योगिनी एकादशी व्रत के बादए इसका पारण 3 जुलाई को किया जाएगा।
व्रतधारी इस दिन विधिपूर्वक व्रत खोलते हैं, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। योगिनी एकादशी के व्रत को बहुत पुण्यदायी माना जाता है और इसे करने से 32 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग 2 जुलाई को सुबह 5.27 बजे से अगले दिन 3 जुलाई को सुबह 4.40 बजे तक रहेगा।

त्रिपुष्कर योग 2 जुलाई को सुबह 8.42 बजे से 3 जुलाई को सुबह 4.40 बजे तक रहेगा। इन शुभ योगों में पूजा करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ऐसे व्यक्ति को बैकुंठ लोक में स्नान करने का सौभाग्य मिलता है। इस व्रत के प्रभाव से जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है। योगिनी एकादशी के महत्व के बारे में स्वयं भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था।