90 साल बाद रक्षाबंधन पर बन रहे 4 अद्भुत संयोग, 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा भद्रा 

jyotis sandeep jain

  हलधर किसान ,अजमेर (ज्योतिष)। भाई- बहन के स्नेह को और प्रगाढ़ करने वाला पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष 19 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन ग्रहों का ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है जो इस पर्व के महत्व को और अधिक बढ़ाएगा। अजमेर के ज्योतिषाचार्य डॉ. सुदीप जैन (सोनी) के अनुसार करीब 90 साल बाद रक्षाबंधन के दिन 4 शुभ महासंयोग बन रहे हैं। ग्रह.नक्षत्रो का यह अद्भुत संयोग भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा और रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। इसके अलावा इस दिन सावन का अंतिम सोमवार भी है। ऐसे में यह दिन बेहद शुभ साबित होगा। 

रात 8 बजकर 40 मिनट तक रहेगा ये दो योग –

ज्योतिषाचार्य जैन ने बताया कि 19 अगस्त को सुबह से लेकर रात 8 बजकर 40 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और रवियोग है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए सभी कार्यों में सिद्धियां प्राप्त होती है।् ऐसे में इस समय में रक्षासूत्र बांधा जाए तो भाइयों पर आने वाली सभी बलाएं दूर होंगी और उन्हें आरोग्य होने का का वरदान भी मिलेगा।

इस समय तक रहेगा पाताल लोक का भद्रा –

वैदिक पंचांग के अनुसार,18 अगस्त को रात 2 बजकर 21 मिनट से भद्रा कि शुरूआत हो रही है जो अगले दिन 19 अगस्त को 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। यह भद्रा पाताल लोक का भद्रा होगा। भद्रा काल में रक्षा सूत्र बांधने शुभ नहीं माना जाता है।ऐसे में 19 अगस्त को दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट के बाद रक्षासूत्र बांधा जाएगा। पंचांग के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा 19 अगस्त को देर रात 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी।

वहीं, इस तिथि का समापन 19 अगस्त को देर रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। उदया तिथि गणना अनुसार 19 अगस्त को रक्षाबंधन मनाई जाएगी। हालांकि, भद्रा योग के समय में राखी नहीं बांधी जाती है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार  सावन पूर्णिमा पर भद्रा का निर्माण हो रहा है। भद्रा काल दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक है। इस काल में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इसके लिए भद्रा के समय राखी न बांधें। दोपहर तक रहेगा भद्रा का साया 

ज्योतिषियों की मानें तो रक्षाबंधन पर शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग देर रात 12 बजकर 47 मिनट तक है।  ज्योतिष शोभन योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। शोभन योग में बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं। इससे जातक को शुभ फल की प्राप्ति होगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक है।

धनिष्ठा नक्षत्र- रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वप्रथम श्रवण नक्षत्र का संयोग है, जो सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक है। इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। धनिष्ठा नक्षत्र दिन भर है। इस नक्षत्र योग का समापन 20 अगस्त को सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर होगा। ज्योतिष धनिष्ठा नक्षत्र को शुभ मानते हैं। इस योग में श्रीहरि की पूजा.उपासना कर बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।

करण-  वहीं, भद्रा समाप्त होने के साथ ही बव करण का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन देर रात 11 बजकर 55 मिनट पर हो रहा है। ज्योतिष बव करण को शुभ मानते हैं।

राखी बांधने का सही समय-

सावन पूर्णिमा पर राखी बांधने का सही समय दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से लेकर 04 बजकर 20 मिनट तक है। इसके बाद प्रदोष काल में शाम 06 बजकर 56 मिनट से लेकर 09 बजकर 08 मिनट तक है। बहनें अपनी सुविधा अनुसार समय पर 01 बजकर 32 मिनट के बाद भाइयों को राखी बांध सकती हैं। 

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