अगस्त में शुरू होगी कृषि गणना; डिजिटल जुटाए जाएंगे आंकड़े, फोन और टैबलेट्स का होगा इस्‍तेमाल

हलधर किसान। देश में 11वीं कृषि गणना कोविड-19 की वजह से सालभर की देरी से अगस्त में शुरू की जाएगी। इस बार कृषि गणना के सभी आंकड़े डिजिटल संसाधानों से जुटाए जाएंगे। इसमें स्मार्ट फोन और टैबलेट्स का उपयोग किया जाएगा।

इसमें ऑपरेशनल लैंड होल्डिंग, उनके आकार वर्ग-वार वितरण, भूमि उपयोग, किराएदारी और फसल पैटर्न की जानकारी हासिल होगी. भारत में पहली बार कृषि गणना की शुरुआत 1970-71 में हुई थी.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को यह जानकारी दी। दिल्ली स्थित कृषि भवन में आयोजित एक कार्यक्रम तोमर ने कहा कि इस गणना से भारत जैसे विशाल और कृषि प्रधान देश में व्यापक लाभ होगा. दसवीं गणना के मुताबिक देश में 14,64,53,741 ऑपरेशनल लैंड होल्डिंग है. जिसमें महिलाओं के नाम 2,04,39,148 लैंड रिकॉर्ड हैं.

कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ग्यारहवीं कृषि जनगणना (2021-22) की शुरुआत अगस्त 2022 में होगी।कृषि मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक कृषि जनगणना हर पांच साल में की जाती है। हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस बार यह देरी से की जा रही है। प्रत्येक पांच साल में एक बार होने वाली कृषि गणना में किसानों की संख्या, उम्र, शैक्षणिक स्तर, जोत के आकार, वर्गवार विवरण, भू स्वामी और किरायेदारों की भी संख्या, खेतों की मिट्टी की सेहत, फसलों की खेती, बदलते पैटर्न, सिंचाई के साधन, खेती किसानी से जुड़े और भी तमाम आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे।

ज्यादातर राज्यों में भूमि दस्तावेजों का डिजिटलीकरण हो चुका है, जिससे जमीन का ब्यौरा जुटाने में कम समय लगेगा। फसलों के विविधीकरण, भूस्वामित्व रिकार्ड व फसली गिरदावरी के डिजिटल आंकड़े जुटाने में मदद मिलेगी। इससे इस बार कृषि गणना में कम समय लगेगा। कृषि मंत्रालय साल 1970-71 से कृषि जनगणना योजना लागू कर रहा है। इसका 10वां संस्करण साल 2015-16 के साथ आयोजित किया गया था।

ग्यारहवीं कृषि गणना (2021-22) को लांच करने के अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार करने में मदद मिलेगी। खेती को वैश्विक मानक के अनुरूप बनाने में इस गणना के आंकड़े सहायक साबित होंगे। तोमर ने इस अवसर पर कृषि गणना में केंद्रीय विभागों, राज्य सरकारों और संबंधित संस्थानों से सहयोग देने की अपील की है। कृषि मंत्रालय का कहना है कि ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि कृषि जनगणना के लिए आंकड़े स्मार्टफोन और टैबलेट के जरिए जुटाए जाएंगे।

गणना के लिए ऐप और पोर्टल की शुरुआत
तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए ठोस कदमों का फल कृषि क्षेत्र को मिल रहा है. हमारा देश तेजी से डिजिटल एग्रीकल्चर की ओर बढ़ रहा है. यह समय इस गणना में टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करने का है. उन्होंने कहा कि कृषि गणना को लेकर आगे और व्यापक फलक पर सोचना चाहिए. इसमें फसलों की मैपिंग भी कर सकें तो देश को लाभ मिलेगा. उन्होंने गणना के लिए डाटा संग्रह पोर्टल और ऐप की शुरुआत की.

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