हलधर किसान। एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होना है. केंद्र सरकार इसकी तैयारियों में जुटी हुई है.खबरों के अनुसार केंद्र सरकार बजट में फसल सुरक्षा, फर्टिलाइजर प्रयोग, जीएम टेक्नोलॉजी, सीड टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देगी.एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होना है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी.बजट से हर वर्ग की उम्मीद जुड़ी हुई हैं. भारत एक कृषि प्रधान देश है. देश की बड़ी आबादी खेती किसानी से जुड़ी हुई है.वैसे तो हर वर्ग उत्सुक है कि उसके लिए बजट के पिटारे में क्या छिपा है?किसान भी केंद्रीय मंत्री के बजट के बक्से की ओर उम्मीद भरी नजर से देख रहे हैं.
केंद्र सरकार का फोकस
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने बजट में कृषि क्षेत्र को विकसित करने को लेकर अपना दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं.बजट में मिट्टी की सेहत को ठीक करने के साथ, उन्नतशील बीज, जीएम टेक्नोलॉजी की उपयोगिता, फर्टिलाइजर का सही उपयोग, फसल पर लगने वाले रोगों से बचाव पर आम बजट में प्रावधान किए जाने की उम्मीद है.
फसलों को होने वाले नुकसान पर रहेगा फोकस
किसान को हर साल कीट रोग, आपदा व अन्य कारणों से लाखों रुपये का नुकसान होता है.बैक्टीरिया, वायरस, पफंगस, कीट, खरपतवार फसलों को नुकसान पहुंचा देते हैं.इनसे बचाव के लिए पेस्टीसाइड, इनसेक्टीसाइड, फंगीसाइड और हर्बीसाइड जैसी दवाओं का प्रयोग होता है. विशेषज्ञों के अनुसार, सालाना फसलों की उपज में 30 से 35 प्रतिशत तक नुकसान हो जाता है.
फल, फूल और सब्जियों सभी को इसका नुकसान होता है. केंद्र सरकार इससे निपटने पर भी बजट में जोर देगी.
फसल उत्पादकता बढ़ाने पर रहेगा जोर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों का कहना है कि आम बजट के लिए जो प्रस्ताव दिए गए हैं. उनमें फसल सुरक्षा के साथ फल, सब्जियों की उत्पादकता बढ़ाना भी शामिल है. लेकिन इसके साथ इन्हें कैसे बेहतर किया जाए.
कीटनाशक प्रयोग को नियंत्रित करने की जरूरत
केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि भारत में प्रति एकड़ बहुत अधिक कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है. आलम यह है कि भारत में चीन के मुकाबले प्रति एकड़ एक तिहाई कीटनाशकों का इस्तेमाल हो रहा है. कुछ जगहों पर कीटनाशकों का अधिक प्रयोग होता है. इसकी वजह से फसलों को नुकसान होता है. इसे समय पर नियंत्रण करने की जरूरत है.