पशुबाजार में सौदा नही पटने पर गांव पहुंचे खरीददार
हलधर किसान खरगोन। प्रदेश के सबसे बड़े मेलो में शुमार श्री नवग्रह मेले का भले ही 16 फरवरी को औपचारिक समापन हो गया, लेकिन समापन के बाद भी पशु बाजार की रौनक बरकरार है। यहां गुरुवार को लगे साप्ताहिक हाट में कई पशुओ की बिक्री हुई लेकिन गोपालपुरा निवासी पशुपालक का बछड़ा चर्चा का विषय रहा।
महज ढाई साल का बछड़ा 71 हजार 500 रुपये में बिका, जो सम्भवतः अब तक के मेले में सबसे ज्यादा कीमत है। पशुपालक मोहनजी पाटीदार के बेटे सुमित ने बताया उनके परिवार में पिछले 50 वर्षों से पशुओ का कारोबार हो रहा है। रामजी पाटीदार दादा ने इसकी शुरुआत की थी।
कई मेलो में सबसे अधिक दाम पर गौवंश बेचने का पुरस्कार भी मिल चुका है। गुरुवार को हाट में बछड़े को बेचने ले गए थे, जहां 85 हजार कीमत लगाई थी, मेले में व्यापारियों को बछड़ा काफी पसंद आया लेकिन वह मुहमागे दाम नहीं दे पाए जिससे बछड़े को वापस घर ले आये थे। शाम को मुक़ातिपुरा के किसान हव तलाशते घर पहुंचे और 71 हजार 500 रुपये में सौदा पक्का हुआ।
बाजारिया किस्म का है बछड़ा
जो बछड़ा बेच गया वह ढाई वर्ष का जरूर है लेकिन उसकी कद काठी बड़े बेल के समान होने नस्ल के कारण इतनी ऊंचाई कीमत चुकाई गई। पाटीदार ने बताया वैसे तो हमारे जिलो की पहचान निमाड़ी नस्ल के नाम से होती है लेकिन जो बछड़ा बिका वह अपने रंग जिसे बाजारिया रंग कहते है वह बेहद कम बेलो का होता है। इस बछड़े के दो दांत है जवकि तैयार बेल के 6 दांत होते है।
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