केंद्र ने तय किये लहसुन खरीदी दाम, राजस्थान सरकार ने शुरू नही की खरीदी

बाजार में सस्ते दामो पर हो रही खरीदी, किसान संगठनों ने जताई नाराजगी

हलधर किसान। केंद्र सरकार ने राजस्थान में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लहसुन खरीद के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. बावजूद इसके राज्य सरकार ने किसानों से खरीद अब तक शुरू नहीं की है. नतीजा यह है कि किसान मंडियों में मात्र 14 रुपये प्रति किलो के रेट पर व्यापारियों को लहसुन बेचने को मजबूर हो रहे हैं. इतने कम दामों से उनकी उत्पादन की लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है. लहसुन खरीद में देरी करने पर किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने राज्य सरकार को पूरे आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत केंद्र सरकार ने राज्य में 29.57 रुपये प्रति किलो के रेट पर खरीद की मंजूरी दी है. इसके बावजूद भी किसानों को लहसुन का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. तो घाटा सहकर किसान अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं.क्योंकि ज्यादातर किसानों के पास भंडारण की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत राजस्थान सरकार ने खरीद के लिए केंद्र सरकार से परमिशन मांगी थी. इसके तहत खरीद मई माह में ही शुरू हो जानी चाहिए थी. क्योंकि अप्रैल से फसल मंडियों में आनी शुरू हो गई थी. प्रदेश के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट ने अब तक बाजार हस्तक्षेप योजना में तय किए दाम के आधार पर किसानों से लहसुन खरीद के लिए राजस्थान स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (राजफेड) को अभी नहीं कहा है. इसलिए किसान भी बहुत परेशान हैं. और राजस्थान के कई क्षेत्रों में लहसुन की अच्छी खेती भी होती है.रामपाल जाट ने बताया कि एक क्विंटल लहसुन उत्पादन का खर्च लगभग 2500 रुपये आता है. जबकि अभी राजस्थान के किसानों को बाजार में 1400 रुपये प्रति क्विंटल के दाम ही मिल रहे हैं. किसानों के मदद करने वाली योजना होते हुए अब तक उसका लाभ भी नहीं मिल रहा है. किसान इतनी मेहनत करके फसल उत्पादन कर रहा है और मजबूरी में अब घाटा उठाकर बेच भी रहा है. क्योंकि किसी के पास उसे रखने की जगह नहीं है तो किसी के पास तुरंत पैसे की जरूरत भी है. लहसुन एक ऐसी फसल है जिसकी समय पर भण्डारण नहीं होने के कारण उसकी कली पिचक जाती है. इसके बाद उसकी गुणवत्ता समाप्त होने से उसे सड़कों पर फेंकने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प किसानों के पास शेष नहीं रहता.अप्रैल से लेकर अब तक लगभग 2,10,323 क्विंटल लहसुन राजस्थान की मंडियों में आ चुका है. जिसका घाटा 1557 प्रति क्विंटल के मुताबिक 3,274 लाख रुपए होता है. बाजार हस्तक्षेप योजना में केंद्र ने लहसुन का भाव 2957 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से तय किया है.

1.07 मीट्रिक टन लहसुन की होगी खरीद
केंद्र के कृषि मंत्रालय से राजस्थान के कृषि विभाग को भेजे पत्र के अनुसार प्रदेश में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत 1 लाख 7 हजार 836 मीट्रिक टन लहसुन तथा 2 लाख 56 हजार 400 मीट्रिक टन प्याज की खरीद होगी. लहसुन 29 हजार 570 रूपए प्रति मीट्रिक टन जबकि प्याज 7780 रूपए प्रति मीट्रिक टन के भाव से खरीदा जाएगा. मंडी टेक्स, गोदाम किराया, लोडिंग-अनलोडिंग जैसे खर्चों के लिए लहसुन के लिए 7393 रूपए प्रति मीट्रिक टन तथा प्याज के लिए 1945 रूपए प्रति मीट्रिक टन का अलग से प्रावधान किया गया है.

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