मंडी टैक्स कम करने की सीएम ने कि घोषणा, व्यापारियों ने जताई खुशी

कॉटन व्यवसायी चावला ने कहा. व्यापार को मिलेगी संजीवन, रुकेगा पलायन

हलधर किसान, खरगोन। पड़ोसी जिले बड़वानी के सेंधवा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आमसभा के दौरान वर्षो से कॉटन व्यापारियों की चली आ रही मंडी टैक्स कम करने की मांग को समर्थन करते उन्हें आश्वस्त किया है कि जल्द वे कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को लाकर मंडी टैक्स को कम करने के साथ ही अन्य राज्यों में पलायन कर गए उद्योगो को भी वापस स्थापित कराने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद कपास व्यापारियों ने राहत महसुस करते हुए खुशी जाहिर की है।
मध्यांचल कॉटन जिनर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के संस्थापक मंजीत सिंह चावला ने बताया कि मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद वर्तमान में संकट के दौर से गुजर रहे कपास व्यापार को संजीवनी के समान देखा जा रहा है। चावला ने बताया कि मंडी टैक्स कम कराने की मांग को लेकर करीब 5 साल से एसोसिएशन संघर्ष कर रहा है। क्योंकि पड़ोसी राज्यों के मुकाबले प्रदेश में अधिक टैक्स होने से यहां से उद्योगों के साथ मजदूर पलायन कर गए है। मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों, प्रभारी मंत्रियों, सांसद, राज्यसभा सांसद, विधायको को ज्ञापन, हड़ताल जैसे प्रदर्शन किए गए, देर से ही सही यदि यह निर्णय लिया जाता है तो न केवल कपास व्यापार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। एसोएिशन के विनोद जैन, मन्नालाल जायसवाल ने बताया कि कपास पर मंडी टैक्स की दर निराश्रित सहित 1.70 पैसा प्रति सैकड़ा है, जो तीन गुना अधिक है। पड़ोसी प्रदेश गुजरात, महाराष्ट्र व अन्य प्रदेशों में यह टैक्स काफी कम है। एक भारत एक टैक्स की मंशानुसार मप्र में भी टेक्स की दर .50 रुपए प्रति सैकड़ा किया जाए, जिससे किसानों को भी कपास का उचित भाव मिल सके।
14 नवंबर 20 को तीन माह के लिए टैक्स हुआ था कम
चावला ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने 2020 में भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने 14 नवंबर 2020 से तीन माह के लिए प्रयोग के तौर पर 50 पैसे मंडी टैक्स किया था, जिसे आगे नही बढ़ाया गया। एसोसिएशन के मुताबिक टैक्स कम करने से सरकार को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
5 साल से प्रयासरत थे, किए कई आंदोलन, मुलाकात
9 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री से मिला था प्रतिनिधिमंडल
11 अक्टूबर 22 को कि थी अनिश्चितकालीन हड़ताल
14 नवंबर 2020 में तीन महिने कम हुआ था टैक्स
18 अक्टूबर 2019 कि थी अनिश्चितकालीन हड़ताल
1 नवंबर 2019 को पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव से मिला था प्रतिनिधिमंडल, इसके अलावा भी जिला और ब्लॉक स्तर पर समय. समय पर सभाओं के दौरान ज्ञापन देकर शासन का ध्यान आकृष्ट कराया जा चुका है।

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