तेलंगाना में कपास का रकबा 70 लाख एकड़ तक पहुंचने के आसार

कृषि मंत्री ने कहा राज्य में 1.40 करोड़ किसान करते है खेती

हलधर किसान। पिछले सीजन में कपास के मिले रिकॉर्ड दाम से उत्साहित होकर किसान कपास की खेती में ज्यादा रूचि ले रहे है। तेलंगाना के कृषि मंत्री ने बताया कि इस बार राज्य में कपास का रकबा 70 लाख एकड़ तक पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन में राज्य में कुल 1.42 करोड़ एकड़ में किसान खेती करते हैं. अनुमान है कि कुल रकबे में 70 लाख एकड़ से अधिक में कपास की बुवाई होगी।.

बारिश की बेरुखी से बुआई की रफ्तार धीमी

कपास भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की महत्वपूर्ण फसलों में से एक है. क्षेत्रफल के लिहाज से बात करें तो भारत में कपास की खेती सबसे अधिक होती है. तेलंगाना में कृषि विभाग किसानों को कपास की खेती में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए पूरी व्यवस्था कर रहा है. बीज और खाद की कमी न हो, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. बारिश में तेजी आने के साथ किसान कपास की बुवाई में तेजी लाएंगे. अभी खेतों को तैयार किया जा रहा है.कपास की खेती के कुल रकबे में से 70 फीसदी मॉनसून की बारिश पर निर्भर है. ऐसे में अभी कपास की बुवाई की रफ्तार थोड़ी धीमी है, लेकिन जैसे-जैसे बारिश की तीव्रता में बढ़ोतरी होगी, रकबा बढ़ता जाएगा. वैसे तो सिंचित क्षेत्रों में कपास की बुवाई अप्रैल से शुरू हो जाती है, लेकिन महाराष्ट्र, तेलंगाना और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इसकी बुवाई बारिश के बाद शुरू होती है. यहां पर किसान जून के अंत और जुलाई में खेती करते हैं.उल्लेखनीय है कि कपास खरीफ सीजन की मुख्य फसलों में से एक है. महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक के किसान मुख्य रूप से कपास की खेती करते हैं. महाराष्ट्र कपास उत्पादन में अग्रणी राज्य है.

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