हलधर किसान। मप्र में बादलों के उमडऩे.घुमडऩे के बावजूद मॉनसून की बारिश नहीं होने से जहां आमजन उमस भरी गर्मी से बेचैन है तो वही किसान परेशान हैं।
मौसम विभाग के अनुसार 20 जून से मानसून सक्रिय होने की भविष्यवाणी की गई थी लेकिन फिलहाल जिले में बारिश का इंतजार बना हुआ है। बारिश नही होने से खरीफ सीजन की बोई गई फसलों पर विपरित असर पड़ सकता है। रोजाना आसमान में बादल तो घुमड़ते हैं लेकिन बारिश नहीं हो पा रही है।
बूंदा.बांदी होकर आसमान से बादल छंट जा रहे हैं। किसान बारिश की बाट जोह रहे है। जिले में किसान कपास, मिर्च, सोयाबीन के साथ मक्का की खेती सबसे अधिक करते हैं। खरगोन जिले की मुख्य कपास की खेती ही है।

जिले में करीब 2 लाख 5 हजार हेक्टेयर में कपास की फसल का लक्ष्य निर्धारित है। जिन किसानों के पास सिंचाई की व्यवस्था है उन्होंने मई माह में ही बुआई कर दी थी लेकिन अब मानसून की देरी से वे किसान भी चिंतित है।
पिछले एक सप्ताह से बारिश नहीं होने से किसानों के हाथ पांव फूल रहे हैं। किसानों द्वारा बोई गई फसल पानी के अभाव में खेतों में अब सूखने की स्थिति में आ रहे हैं, इससे किसानों की परेशानी काफी बढ़ गयी है।
आंखों के सामने सूखती फसल देख चेहरे से रौनक गायब हो रही है। अगर बारिश शुरू नहीं होती है, तो जिले में करीब 4 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे की फसल प्रभावित होकर दोबारा बुआई की नौबत आ सकती है। जबकि मौसम विभाग अभी भी बारिश की संभावना जता रहा है।