आपदा आने से पहले हो सकेंगे सतर्क, सरकार ने 4797 करोड़  पृथ्वी योजना को दी मंजूरी 

पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान

हलधर किसान। भूकंप, बाढ़, सुनामी.तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं की सही भविष्यवाणी करने और समुद्री व धु्रवीय संसाधनों की खोज के लिए आने वाले वर्षों में देश में व्यापक अध्ययन व प्रणाली विकसित की जाएगी।

इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4797 करोड़ की  पृथ्वी योजना को मंजूरी दे दी। पृथ्वी विज्ञान की इस व्यापक योजना के तहत विभिन्न संस्थानों में एकीकृत बहु.विषयक पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान और नए कार्यक्रमों का अध्ययन करने की क्षमताएं विकसित की जाएंगी।

इस योजना के तहत पूरे देश में सस्टेनेबल तरीके से जीवित और निर्जीव रिसोर्सेस को खोजना है, संभालना है, उन्हें संरक्षित करना है। इनमें तीनों धु्रवों पर भी यह योजना पृथ्वी प्रणाली और परिवर्तन के महत्वपूर्ण संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए वायुमंडल, महासागर, भूमंडल, क्रायोस्फीयर और ठोस पृथ्वी के दीर्घकालिक निरीक्षणों का संवद्र्धन और रखरखाव करेगी।

आपदा आने से पहले हो सकेंगे सतर्क, सरकार ने 4797 करोड़  पृथ्वी योजना को दी मंजूरी 

इसके अंतर्गत मौसम, महासागर और जलवायु खतरों को समझने और भविष्यवाणी करने तथा जलवायु परिवर्तन के विज्ञान को समझने के लिए प्रारूप प्रणालियों का विकास शामिल है। इसके अलावा नई घटनाओं और संसाधनों की खोज करने की दिशा में पृथ्वी के ध्रुवीय और उच्च समुद्री क्षेत्रों की खोज की जाएगी।

साथ ही सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए समुद्री संसाधनों की खोज हेतु टेक्नोलॉजी का विकास और संसाधनों का सतत उपयोग शामिल है। योजना के तहत पृथ्वी प्रणाली विज्ञान से प्राप्त ज्ञान और अंतर्दृष्टि को सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ के लिए सेवाओं के रूप में परिणत किया जाएगा।

इस योजना में पृथ्वी प्रणाली विज्ञान की समझ में सुधार लाने और देश के लिए विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करने हेतु पृथ्वी प्रणाली के सभी पांच घटकों को समग्र रूप से शामिल करेगी। पृथ्वी योजना के विभिन्न घटक एक.दूसरे पर निर्भर हैं। इन्हें एमओईएस के अंतर्गत संबंधित संस्थानों द्वारा संयुक्त प्रयासों के माध्यम से एकीकृत रूप में चलाया जाता है।

पृथ्वी विज्ञान की व्यापक योजना विभिन्न एमओईएस संस्थानों में एकीकृत बहुदृविषयक पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान और नवीन कार्यक्रमों के विकास को सक्षम बनाएगी।   

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