हलधर किसान (खरीफ सीजन) । प्रशासन के दांवों के बीच रबी सीजन में खाद कि किल्लत सामने आ रही है। डीएपी की किल्ल्त की वजह से मक्का व गेहूं की बुआई पर असर पड़ रहा है। किसान सोसायटी सहित शासकिय गोदामों के चक्कर लगा रहे है। समय पर खाद नही मिलने से किसान नाराज हो रहे है। सोमवार को भी मप्र खरगोन जिले के उमरखली रोड स्थित राज्य सहकारी विपणन संस्था पर सैकड़ों की संख्या डीएपी और 12, 32, 16खाद मिलने की आस में पहुंचे थे, लेकिन यहां से भी उन्हें निराशा हाथ लगी है।
कृषक रुपेश गोस्वामी बिटनेरा, लोकेंद्र गुप्ता टांडा बरुड, दशरथ देवली ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर पर्याप्त खाद होने के दावे किए जा रहे है, रोजाना सोशल मीडिया ओर समाचार पत्रों के माध्यम से खाद उपलब्ध होने का प्रचार- प्रसार हो रहा है, लेकिन जब सोसायटी, दुकानो पर जा रहे है तो डीएपी, 12:32:16 के स्थान पर दूसरी खाद लेने का दबाव बनाया जा रहा है, जिसकी किसानों को आवश्यकता नही है। समय पर खाद नही मिलने से बुआई में दिनोंदिन पिछड़ रहे है। वहीं कुछेक निजी दुकानों पर यह खाद उपलब्ध है तो वहां मनमाने दाव मांगें जा रहे है, जो किसानों चुका नही पाते। डीएपी नहीं मिलने के कारण मक्का, गेहूं व कई फसलों की बुआई नहीं हो पा रही है।
दूसरी खाद से नुकसान की जिम्मेदारी लें प्रशासन
किसानों का कहना है कि जिले में किसी भी खाद विक्रेताओं के पास डीएपी नहीं है। फसल बुआई के समय लगने वाली डीएपी के लिए किसान भटक रहे हैं। नहीं मिल रहा है। डीएपी के बदले किसान एनपीके, नैनो यूरिया का उपयोग करने का दबाव बनाते है। किसानों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रशासन अन्य खाद उपयोग के लिए दबाव बना रहा है, हम इस्तेमाल करने को तैयार है लेकिन इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदारी लेना होगी। यदि अन्य खाद से उत्पादन पर असर हुआ तो इसकी भरपाई क्या प्रशासन करेगा?
– फिलहाल 12, 32, 16 उपलब्ध है। डीएपी मंगलवार को भरपूर मात्रा में पहुंचने वाला है। विपणन केंद्रों पर खाद की कोई कमी नही है। नियमित रैक लग रही है। 700 टन के करीब यूरिया की रैक लगी है, जल्द पहुंचने वाला है। – प्रदीप गोयल, फिल्ड असिस्टेंड।