बीएचयू में हुआ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, कृषि और जलवायु परिवर्तन पर विशेषज्ञों ने किया चिंतन 

बीएचयू में हुआ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कृषि और जलवायु परिवर्तन पर विशेषज्ञों ने किया चिंतन

हलधर किसान वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के विज्ञान संस्थान स्थित महामना हाल में “अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन: कृषि और संबद्ध जलविज्ञान – स्मार्ट कृषि के लिए प्रगति और नवीन दृष्टिकोण” का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन महिमा रिसर्च फाउंडेशन एंड सोशल वेलफेयर और जूलॉजी विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।

विनोद विहारी महतो कोयलालचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राम कुमार सिंह ने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि कृषि, अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यह न केवल भोजन और कच्चा माल उपलब्ध कराती है, बल्कि रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है।

उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कृषि पर प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि तापमान, वर्षा और अन्य प्राकृतिक घटनाओं में बदलाव कृषि उत्पादन पर सीधा असर डालते हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते, वैश्विक स्तर पर कृषि सबसे संवेदनशील और जोखिमग्रस्त क्षेत्र है। कृषि विज्ञान संकाय के प्रमुख, प्रो. यू.पी. सिंह ने बताया कि जलवायु परिवर्तन भारत के लाखों गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए गंभीर खतरा है, जो मुख्य रूप से कृषि और प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से उत्पादन अनियमित हो सकता है और यह विशेषकर सीमांत किसानों को प्रभावित करेगा।

सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस.वी.एस. राजू ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से कृषि पारिस्थितिकी तंत्र, फसलों की बीमारियों, कीटों और महासागर परिसंचरण पैटर्न में बदलाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने की चुनौती जलवायु परिवर्तन के कारण और जटिल हो गई है।

सम्मान और पुरस्कार

•    महिमा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड: प्रो. राम कुमार सिंह
•    महिमा एक्सीलेंस इन एग्रोनॉमी अवार्ड: प्रो. यू.पी. सिंह
•    महिमा आउटस्टैंडिंग इंस्टीट्यूशन अवार्ड: प्रो. एस.वी.एस. राजू सम्मेलन के कन्वेनर प्रो. एम. रघुरमन (एंटोमोलॉजी और एग्रीकल्चरल जूलॉजी विभाग) ने बताया कि यह सम्मेलन कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन से जुड़े विषयों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

प्रो. पी.के. शर्मा (मृदा विज्ञान और कृषि विज्ञान विभाग) ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सचिव रत्नेश कुमार राव ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य कृषि को जलवायु स्मार्ट बनाना और नई तकनीकों का उपयोग कर भविष्य की चुनौतियों का समाधान करना है।

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