हलधर किसान। हमारा उद्देश्य किसानों के लिए एक जीवंत इको सिस्टम बनाना है। पीएमकेएसके का यह कदम हमारे किसानों को अपनी आय दोगुना करने के लिए सक्षम बनाएगा और बदले में भारत की खाद्य सुरक्षा और विकास की गाथा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में कार्य करेगा।” यह बात केन्द्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने देश भर के लगभग 9000 पीएमकेएसके के एकत्र किसानों को वर्चुअली संबोधित करते हुए कही। उन्होंने छह राज्यों रामनगर (उत्तर प्रदेश), कोटा (राजस्थान), देवास(मध्य प्रदेश), वडोदरा (गुजरात)के पीएमकेएसके के किसानों और खुदरा विक्रेताओं और एलुरु (आंध्र प्रदेश)और राजापुरा (पंजाब)के खुदरा विक्रेताओं के साथ भी बातचीत की। इस अवसर पर, डॉ. मांडविया ने कहा कि “माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार हमारे किसानों को समर्थ बनाने के लिए हर संभव उपाय करने के लिए समर्पित है। चाहे वह पीएम किसान सम्मान निधि जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से वित्तीय सहायता हो, या नैनो यूरिया और वैकल्पिक उर्वरकों के नए वैज्ञानिक नवाचार, व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले उर्वरकों की उपलब्धता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद, सरकार अत्यधिक रियायती दरों पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि देश में उर्वरक उपलब्धता की हर प्रक्रिया किसानों के लिए सरल और कारगर हो।” पीएमकेएसके के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि “पीएमकेएसके खोलना एक बड़ा कदम है, जो किसानों की विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा जैसे कृषि संबंधी जानकारी (उर्वरक, बीज और कीटनाशक) प्रदान करना और मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिए परीक्षण सुविधाएं प्रदान करना। उन्होंने कहा, इससे किसानों में जागरूकता पैदा होगी, विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में उन्हें जानकारी मिल सकेगी और ब्लॉक/जिला स्तर की दुकानों पर खुदरा विक्रेताओं की नियमित क्षमता निर्माण सुनिश्चित होगी।” देश में लगभग 2,62,559 सक्रिय खुदरा दुकानों को चरणबद्ध तरीके से पीएमकेएसके में परिवर्तित किया जाएगा। ”डॉ. मांडविया ने कहा कि “रूपांतरण की यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि पीएमकेएसके में प्रदान किए जाने वाले उत्पादों और सुविधाओं की विस्तृत श्रृंखला देश के सभी किसानों तक पहुंचे। पीएमकेएसके भविष्य में किसानों के लिए एक प्रमुख मंच साबित होगा जो किसानों की रोजमर्रा की समस्याओं से निपटने में मदद करेगा और कम से कम समय में उनकी चिंताओं को दूर करेगा।”
वैज्ञानिक समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए, डॉ. मांडविया ने कहा कि “भारत अनेक वैकल्पिक समाधान विकसित कर रहा है जो न केवल किसानों के लिए सस्ते होंगे बल्कि उत्पादन स्तर के मामले में बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल भी होंगे।” उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले दिनों में नैनो डीएपी की स्वीकृति भी दी जाएगी जो पारंपरिक डीएपी से बेहतर विकल्प होगा।उन्होंने कृषि क्षेत्र में इन नवाचारों के लिए वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया और किसानों से इन नवीन उर्वरकों और प्रौद्योगिकी को अपनाने का अनुरोध किया।
किसानों ने सरकार द्वारा उठाए जा रहे अभिनव कदमों के लिए आभार व्यक्त किया। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि कृषि संबंधी अनेक जानकारियां अब एक ही जगह पर उपलब्ध हैं, जिससे किसानों का समय बच रहा है और किसान अब अपनी कृषि भूमि पर अधिक समय देने में सक्षम हो रहे हैं। किसानों ने पीएमकेएसके में फसल साहित्य की उपलब्धता, मिट्टी परीक्षण सुविधाओं और अन्य सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी पर प्रकाश डाला। खुदरा विक्रेताओं ने बताया कि अब उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग के लिए अधिक से अधिक किसान ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनके पैसे और कीमती समय की बचत हो रही है।
कार्यक्रम के दौरान अरुण सिंघल, सचिव, उर्वरक विभाग, सुश्री नीरजा आदिदम, अपर सचिव सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।