राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने कि मांग, गौ हत्या रोकने बुचडख़ानों को गौ विज्ञान केंद्र में परिवर्तित करें सरकार
हलधर किसान। लोकसभा चुनाव में एक बार फिर किसानों के मुद्दे को लेकर राष्ट्र्रीय किसान मजदूर महासंघ ने मप्र के खरगोन जिले में हुंकार भरी है। इस बार महासंघ ने सी 2प्लस 50 फार्मूले के साथ ही कृषि उत्पादों पर एमएसपी तय करने के अलावा अवैध शराब बिक्री और गौ हत्या पर रोक जैसे मुद्दे भी अपने आंदोलन में शामिल किए है।
गुरुवार को महासंघ के के बैनर तले पहुंचे पदाधिकारियों ने कलेक्टर कार्यालय परिसर में नारेबाजी कर मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति के नाम अलग- अलग ज्ञापन सौंपे। महासंघ कैलाश पाटीदार, गोपाल पाटीदार, सुखदेव पाटीदार, रामेश्वर गुर्जर आदि ने बताया कि चुनाव के साथ ही समय- समय पर किसान अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन करता रहा है और वर्तमान में भी दिल्ली बार्डर पर बड़ा आंदोलन चल रहा है,
लेकिन कोई भी सरकारें किसानों की मांगों को गंभीरता से नही लेती नतीजतन किसान संघर्षरत है। यदि सरकार सच में किसानों का हित चाहती है तो वह सी 2 प्लस 50 के फार्मूले के साथ ही कृषि उत्पादों पर एमएसपी तय कर दें जिससे किसानों को बार- बार बार इस तरह आंदोलन की राह अख्तियार नही करनी होगी।
इसके अलावा गांव-गांव बेरोकटोक बिक रही अवैध शराब पर भी सरकार रोक लगाए, क्योंकि इससे सनातन धर्म से जुड़े लोग त्यौहारों के साथ ही अन्य दिनों में भी शराब के आदि होकर आर्थिक रुप से कमजोर हो रहे है।
गेहूं और धान की गारंटी पर हुआ धोखा
किसानों ने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा चुनावी सभाओं में 2700 रुपए गेहूं और 3100 रुपए धान खरीदी की दी गई गारंटी देने के बाद भी सरकार बनने पर समर्थन मूल्य दर नही बढ़ाई इस पर भी नाराजगी जताई। हरिओम गुर्जर, संतोष गुर्जर, महिमाराम पाटीदार, द्वारकाप्रसाद श्दशोरे, विष्णु पाटीदार आदि ने बताया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान ऋणी व डिफाल्टर हो रहा है। सरकार बगैर शर्त प्रदेश के किसानों को ऋण मुक्त करें।
200 रुपए लीटर दूध और 25 रुपए लीटर गौमुत्र खरीदा जाए
किसानों ने गौ हत्या रोकने के लिए देशभर के बुचडख़ानों को बंद कर उन्हें गौ विज्ञान केंद्र में परिवर्तित करने की मांग करते हुए गाय का दूध 200 रुपए लीटर और 25 रुपए लीटर गौमुत्र के साथ ही 10 रुपए किलो गोबर खरीदने की व्यवस्था बनाए जाने की मांग की। दिल्ली आंदोलन में जिन किसानों का निधन हुआ उन्हें शहीद का दर्जा देने के साथ ही परिवार को एक करोड रुपए की सहायता और सरकारी नौकरी दी जाए। जैसी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया।