हलधर किसान (तकनिक)। आधुनिक दौर में काम का तरीका भी तेजी से बदल रहा है, इंसानों से ज्यादा मशीनों पर निर्भर हो गए है। कंप्युटर क्रांति के दौर में आईटी क्षेत्र बड़ी तेजी से विकसित हो रहा है। नई- नई तकनिको से रोजगार पर खतरा महसूस किया जा रहा है तो कई लोग इसे काम का नया तरीका बता रहे है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक एक्साइटिंग फील्ड है, पर आने वाले समय में इससे इंसानों की नौकरी के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है, कुछ समय पहले एक कंपनी के फाउंडर ने अपने 90 प्रतिशत कस्टमर सपोर्ट स्टाफ को एआई से रिप्लेस करके, ज्यादा प्रॉफिट कमाने का दावा भी किया था। अब एक रिपोर्ट में सामने आया है कि कुछ नौकरियों पर एआई का खतरा ज्यादा है,

ये रिपोर्ट मैकिंसी ग्लोबल इंस्टीट्यूट ने तैयार की है। इसका टाइटल है. जनरेटिव और अमेरिका में काम का भविष्य इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे आने वाले समय में अमेरिका की जॉब मार्केट पर असर डालेगा। रिपोर्ट के मुताबिक एआई में इकोनॉमिक ऑटोमेशन को बढ़ावा देने की अपार संभावना है और 2030 तक अमेरिका में होने वाले काम के घंटों में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
मैकिंसी ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन नौकरियों में ऑटोमेशन और रिपिटीशन की जरूरत पड़ती है, उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आसानी से रिप्लेस कर देगा। इसमें कस्टमर सर्विस, फूड सर्विस और ऑफिस सपोर्ट स्टाफ जैसी नौकरियां शामिल हैं। रिपोर्ट में ये अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक क्लर्क की पोस्ट के लिए मांग 16 लाख तक कम हो जाएगी।
मैकिंसी ग्लोबल की रिपोर्ट
इसके साथ ही आठ लाख से ज्यादा सेल्स पर्सन्स की नौकरी जा सकती है। सात लाख से ज्यादा एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट अपनी नौकरी खो सकते हैं। इनके अलावा छह लाख से ज्यादा कैशियर्स को भी अपनी जॉब से हाथ धोना पड़ सकता है।
नौकरी नहीं खाएगा लेकिन काम करने का तरीका जरूर बदलेगा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब काफी स्मार्ट हो गया है। आपके सिर्फ इशारे पर वीडियो बना सकता है। आपकी कल्पना मात्र से एक सुंदर तस्वीर भी बना सकता है। को लेकर सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह इंसानों की नौकरी खत्म कर देगा और उसकी जगह खुद ले लेगा, लेकिन एक्सपर्ट की राय इससे थोड़ी अलग है।

एक्सपर्ट का मानना है कि नौकरियों को तो पूरी तरह से खत्म नहीं करेगा लेकिन काम करने का तरीका जरूर बदल जाएगा। एक साल पहले जब चैटजीपीटी आया तो मार्केट में एक अलग तरह की अफरातफरी देखने को मिली। लगा कि अब सब खत्म होने वाला है। अब सिर्फ एआई को ही काम पर रखा जाएगा,
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इंसानों की अब कोई जरूरत नहीं है, लेकिन आज ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की बजाय उन्हें, एआई का इस्तेमाल का तरीका बता रही हैं। कंपनियां चाहती हैं कि उनके कर्मचारी एआई को स्वीकार करें और इसकी मदद से काम करें, ताकि प्रोडक्टिविटी में इजाफा हो सके।
पहले के मुताबिक नौकरी अब ज्यादा सुरक्षित
आज एक्सपर्ट का कहना है कि पहले के मुकाबले आज नौकरी अधिक सुरक्षित है, हालांकि इसके लिए कर्मचारियों को खुद को अपग्रेड करना होगा। कंपनियां एआई को अपनाना तो चाहती हैं लेकिन साथ उन कर्मचारियों को भी त्यागना नहीं चाहतीं जो एआई के साथ काम करने में सक्षम हैं।
खुद को बनाना होगा काबिल
यह स्पष्ट है कि जनरेटिव एआई सिस्टम के साथ प्रभावी ढंग से काम करने के लिए लोगों को भी इसके काबिल बनना होगा। इसे एक उदाहरण से समझें तो ग्राफिक्स डिजाइनर अपनी रचनात्मकता को बहुत ही कम समय में और बेहतर तरीके से दिखाने के लिए एआई का इस्तेमाल कर सकते हैं।