बदलते मौसम में कैसे रखें रबी फसलों का ध्यान, जानिये क्या कहते है पूसा के वैज्ञानिक

बदलते मौसम में कैसे रखें रबी फसलों का ध्यान,

हलधर किसान (रबी सीजन)।  दिसंबर माह की शुरुआत के साथ ही मौसम में आए दिन बदलाव देखे जा रहे है। इसका आम जनजीवन के साथ ही फसलों पर भी असर देखा जा रहा है।

बदलते मौसम में कैसे रखें रबी फसलों का ध्यान, जानिये क्या कहते है पूसा के वैज्ञानिक

मौसम के इस बदलाव के बीच फसलों का कैसे ध्यान रखा जाए, इसको लेकर पूसा के कृषि वैज्ञानकिों ने सलाह जारी की है।  इसमें बताया गया है कि जिन किसानों की गेहूं की फसल 21.25 दिन की हो गई हो, वे अगले पांच दिनों तक मौसम की संभावना को ध्यान में रखते हुए पहली सिंचाई करें।

सिंचाई के 3.4 दिन बाद उर्वरक की दूसरी मात्रा डालें। तापमान को ध्यान में रखते हुए किसानों को सलाह है कि वे पछेती गेहूं की बुवाई अतिशीघ्र करें। बीज -125 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। इसकी उन्नत प्रजातियां-एचडी 3059, एचडी 3237, एचडी 3271, एचडी 3369, एचडी 3117, डब्ल्यूआर 544 और पीबीडब्ल्यू 373 हैं। 

बुवाई से पूर्व बीजों को बाविस्टिन / 1.0 ग्राम या थायरम / 2.0 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें।

जिन खेतों में दीमक का प्रकोप हो किसान क्लोरपाईरिफास (20 ईसी) 5.0 लीटर  प्रति हेक्टेयर की दर से पलेवा के साथ या सूखे खेत में छिड़क दे। नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश उर्वरकों की मात्रा 80, 40 व 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होनी चाहिए।  

देर से बोई गई सरसों की फसल में विरलीकरण तथा खरपतवार नियंत्रण का कार्य करें। औसत तापमान में कमी को ध्यान में रखते हुए सरसों की फसल में सफेद रतुआ रोग की नियमित रूप से निगरानी करें।

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इस मौसम में तैयार खेतों में प्याज की रोपाई से पहले अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद तथा पोटास उर्वरक का प्रयोग अवश्य करेंण् हवा में अधिक नमी के कारण आलू तथा टमाटर में झुलसा रोग आने की संभावना है। इसलिए फसल की नियमित रूप से निगरानी करें। लक्षण दिखाई देने पर डाईथेन.एम.45 को 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 

पत्ती खाने वाले कीटों की करें निगरानी

जिन किसानों की टमाटर, फूलगोभी, बन्दगोभी और ब्रोकली की पौधशाला तैयार है, वह मौसस को ध्यान में रखते हुए पौधों की रोपाई कर सकते हैं। गोभी वर्गीय सब्जियों में पत्ती खाने वाले कीटों की निरंतर निगरानी करते रहेंण् यदि संख्या अधिक हो तो बीटी 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या स्पेनोसेड दवा 1.0 एमएल  प्रति 3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

इस मौसम में किसान सब्जियों की निराई.गुड़ाई करके खरपतवारों को नष्ट करें, सब्जियों की फसल में सिंचाई करें तथा उसके बाद उर्वरकों का बुरकाव करें। 

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