बीज भंडार के अवार्ड सेरेमनी मेंं देश- विदेश की बीज कंपनी प्रतिनिधि सहित फे्रंचाईजी ऑनर हुए शामिल
हलधर किसान। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में जैन बीज भंडार एग्रो प्रायवेट लिमिटेड ने बीज व्यापार में जो साख, अपनी एक अलग पहचान बनाई है वह सराहनीय है। आज जो हम इस संस्था का स्वरुप देख रहे है, उसके पीछे जो संघर्ष, परिश्रम है वह अनुकरणीय है।
इस संस्था की सफलता का राज इनका किसानों से जुड़ाव अपने मुनाफे से ज्यादा किसान को अच्छी पैदावार हो इसलिए अच्छा बीज उपलब्ध कराना, यही मंत्र इन्हें ओर संस्थाओं से अलग बनाता है।
उक्त विचार प्रतिष्ठित बीज संस्थान जैन बीज भंडार एग्रो प्रायवेट लिमिटेड के अवार्ड सेरेमनी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जागरुक कृषि आदान विक्रेता संघ इंदौर के जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण दुबे ने सनावद रोड स्थित निजी होटल में आयोजित गरिमामय समारोह के दौरान व्यक्त किए।

समारोह में देश- विदेश की नामी बीज कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ ही बीज भंडार के प्रदेशभर में संचालित हो रही फ्रेंचाईजी के संचालक, मार्केटिंग, आईटी टीम एवं कर्मचारी शामिल हुए।
समारोह में श्री दुबे ने बीज भंडार के संरक्षक एवं मार्गदर्शक विनोद जैन की तुलना देश के सर्वश्रेष्ठ उद्योगप्रति रतन टाटा से करते हुए कहा कि जिस तरह वरिष्ठ नागरिक की उम्र मेें पहुंच चुके टाटा कारोबार में आज भी सक्रिय है उसी तरह श्री जैन भी न केवल अपने व्यापार बल्कि कृषि आदान विक्रेता संघ के भी प्रदेश महामंत्री होकर आज भी सक्रियता से काम कर रहे है जो हमारे लिए प्रेरणादायक है।
श्री कृष्ण दूबे
मार्जिन के साथ किसान का हित भी जरुरी
समारोह की अध्यक्षता कर रहे कंपनी के संरक्षक, मार्गदर्शक विनोद जैन (बाबूजी) ने कहा कि उन्होंने 1976 में किसानों को गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बीज भंडार दुकान की शुरुआत की थी।

इस दुकान को स्थापित करने में उन्हें भी कई संघर्ष करने पड़े, प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नही माना। कंपनी कर्मचारियों और फ्रेंचाईजी ऑनरों को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि किसी भी प्रतिष्ठान की सफलता दुकानदार का दुकान को दिया समय, ग्राहको से व्यवहार मायने रखता है।
अपने मार्जिन के साथ किसान का हित भी जरुरी है। किसी कंपनी का एकाधिकार न हो इसलिए किसान को हर कंपनी का बीज जो गुणवत्ता रखता है उसके बारे में जरुर बताएं, उसे इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें, जिससे किसान को भी लाभ हो और कोई कंपनी बीज पर अपना एकाधिकार न जमा सके।
देशभर में बीज भंडार को फैलाने का लक्ष्य लेकर कर रहे काम
जो इंसान पानी से नहाते है वह लिबास बदलते है और जो पसीने से नहाते है वह इतिहास बदलते है। इन पंक्तियों से कंपनी संचालक विवेक जैन ने कर्मचारियों, फ्रेंचाईजी ऑनरो और कंपनी प्रतिनिधियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बीज भंडार ने पहले शहर फिर जिले में अपनी साख बनाई इसके बाद 2016 में खंडवा में पहली फ्रेंचाईजी शुरु की।
इसके बाद कोरोना काल जैसा व्यापार के लिए विपरित दौर भी आया लेकिन बीज भंडार के कुशल प्रबंधन से यह दौर भी गुजर गया और हमने पिछले 8 साल में 15 एजेंसिंया शुरु की है और वर्तमान में 77 नए आवेदन है, जो पड़ोसी राज्यों के है।
यहां ब्रांच शुरु करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। श्री जैन ने कहा कि बाबूजी का सपना है कि बीज भंडार देशभर में पहुंचे, उसी सपने को साकार करने के लिए फे्रंचाईजी शुरु करने के साथ ही सोशल और प्रिंट, इलेक्ट्रानिक प्लेटफार्म भी शुरु किया है।

आज बीज भंडार का हलधर किसान प्लेटफार्म के 2 लाख व्यूवर के साथ लगातार नए आयाम बना रहा है। यह सफलता अकेले बीज भंडार की नही बल्कि कंपनी स्टॉफ, पदाधिकारियों, कर्मचारियों की है। इसमें ब्रांच ऑनर भी शामिल है।
बीज भंडार के इस परिवार में जुड़ रहे नए सदस्यों से संस्था की ग्रोथ भी बढ़ रही है, हमने गत वर्ष 9 करोड़ से इस साल सीधे 14 करोड़ की ग्रोथ की है। श्री जैन ने उपस्थित सभासदों से सवाल किया कि अब हमें अगले वर्ष इस ग्रोथ को बढ़ाकर 28 करोड़ पर ले जाना है, जिसमें उपस्थित सभी सदस्यों ने एक स्वर में सहमति जताई।
बीज व्यवसाय भी सेवा का माध्यम
टेक्निकल डायरेक्टर नितिन परसाई ने कहा कि बीज व्यवसाय भी सेवा का माध्यम है। क्योंकि किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है यदि वह बेहतर उत्पादन करेगा तो देश के अन्न के भंडार भरेंगे। इसलिए आप सेवा और कंपनी विस्तार का भाव लेकर काम करेंगे तो कंपनी की साख बनी रहेगी।
टेक्निकल डायरेक्टर नितिन परसाई
समारोह में फ्रेंचाईजी ऑनर जितेंद्र मंडराह ने भी अपने अनुभव साझा किए। आईटी एक्सपर्ट तुषार मालवीया ने बीज भंडार के सीड कार्ड सहित आईटी से जुड़ी तकनिकी जानकारी दी। समारोह का सफल संचालन सीईओ विशाल नाईक ने किया।

श्री नाईक को फ्रेंचाईजी प्रोजेक्ट के माध्यम से कंपनी को विस्तार देने में अहम भूमिका निभाकर बीज कंपनी और फ्रेंचाईजी ऑनरों के बीच सामंजस्य बनाकर बेबाकी से अपनी राय एवं बात रखने का श्रेय दिया गया। आभार अकाउंटेट श्री अनिल कुशवाह ने माना।