टमाटर की खेती से हो रही लाखों की आमदनी

Income worth lakhs from tomato farming 2

अदलपुरा के प्रगतिशील किसान जीतू पटेल रसायनिक के साथ जैविक खेती को दे रहे बढ़ावा

हलधर किसान खरगोन। किसान अब पारंपरिक खेती के साथ.साथ सब्जियों की खेती करने लगे हैं. सब्जियों की खेती काफी फायदेमंद साबित हो रही है। खासकर जिले के किसान टमाटर की खेती में कम लागत में बेहतर उत्पादन लेकर अच्छा मुनाफा कमा रहे है। 

जिले प्रगतिशील किसान जीतू पटेल ने टमाटर की खेती कर लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा ले रहे है। वो पिछले 10 सालों से टमाटर की खेती करके लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे है। पटेल बताते है कि उन्होंने जिला मुख्यालय से करीब 18 किमी दूर स्थित गोगावां जनपद के ग्राम अदलपुरा स्थित 6 एकड़ रकबे में टमाटर की खेती की शुरुआत की। जिसमें हाइब्रिड टमाटर की खेती कर रहे हैं। इस खेती में पहले कपास, गेहूं की पारंपरिक खेती की जाती रही लेकिन जब उन्होंने खेती का कामकाज संभाला तो सब्जी उत्पादन में रुचि ली और यह निर्णय सही साबित हुआ।

7 माह तक होता है उत्पादन

प्रगतिशील किसान पटेल ने किसान प्लस टीवी संवाददाता से बातचीत में बताया टमाटर की मांग पूरे साल रहती है, जिसके कारण यह काफी महंगा भी बिकता है। समय के साथ दाम में उतार- चढाव जरुर रहता है, लेकिन कभी घाटा नही होता। उनके खेत में फिलहाल प्रति एकड़ 1200 कैरेट टमाटर निकलता है, जिसे वे इंदौर मंडी में बेचते है। साल की आमदनी पर नजर डाले तो 4 से 6 लाख रुपए की आय हो रही है। उनके यहां योगी वैरायटी का हायब्रिड टमाटर लगाया है, इसकी खासियत है कि यह टमाटर कड़क होता है, जिससे जल्दी खराब नही होता।

बांस- तार के सहारे पनप रहे पौधे

खेत में लता वाले टमाटर की लगाए है, जो बांस.तार के सहारे यह 4 फुट ऊंचाई तक फैलकर फल दे रहे है। यह पौधे अक्टूबर माह में लगाए थे, जिससे अब फल निकलना शुरु हो गए है जो जून तक निकलेगा।  टमाटर की खेती तार.बांस के सहारे करने पर अच्छी फसल मिलती है। 

जैविक और रसायनिक तरीके से करते है रखरखाव

श्री पटेल बताते है कि रसायनिक दवाईयों के उपयोग से खेती की उर्वरा शक्ति खत्म होने और बीमारियों का प्रकोप बढ़ता देख, धीरे- धीरे वे जैविक खेती की ओर लौट रहे है। हालांकि एक ही बार में यह बदलाव नही किया जा सकता, इसलिए फिलहाल वह 50 प्रतिशत जैविक और 50 प्रतिशत रसायनिक तरीके से फसल का रखरखाव करते है। फसल कटाई के बाद गोबार खाद, गौमूत्र आदि का छिडकाव कर खेत तैयार किया जाता है, वही फसल लगाने पर समय अनुसार यूरिया का छिडकाव भी होता है। 

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