हलधर किसान. श्रीगंगानगर। खरीफ सीजन की शुरुआत से पहले कृषि अमला खाद. बीज की गुणवत्ता की जांच में जुट गया है। बीटी कॉटन की फसल में गुलाबी सुंडी के प्रबंधन के तहत बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग ने विशेष गुण नियंत्रण अभियान चल रखा है।
इस बीच विशेष अभियान के तहत हनुमानगढ़ जिले में 12 आदान विक्रेताओं और श्रीगंगानगर जिलें में 13 आदान विक्रेताओं के लाइसेंस बीज नियंत्रण आदेश 1983 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन करने पर निलंबित करने की कार्रवाई की गई है।
श्रीगंगानगर खंड में 207 बीटी कपास के बीज के नमूने लेने की कार्रवाई की गई। अब विभाग ने इन नमूनों को राज्य और राज्य से बाहर की बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भिजवाने की कार्रवाई की है।

श्रीगंगानगर में तेरह फर्मों के लाइसेंस निलंबित
अतिरिक्त निदेशक कृषि के अनुसार आदान विक्रेता मै.आशीष ट्रेडिंग कंपनी सादुलशहर, मै. दीपक एग्रो सेल्स गजसिंहपुर, मै.गौरव पेस्टीसाईड्स गजसिंहपुरए मै. राजीव पेस्टीसाईडस श्रीगंगानगर, मै.बालाजी पेस्टीसाईडस लालगढ़ जाटान, मै. राजस्थान पेस्टीसाईडस सूरतगढ़, मै.भगवानसंस धनराज सूरतगढ़, मै. लक्ष्मी पेस्टीसाईडस रिड़मलसर, मै.हरियाली एग्रो सेल्स रिड़मलसर, मै. नोरंग पेस्टीसाइड रिड़मलसर, मै. अजय एग्रो एजेन्सी सूरतगढ़, मै.रांका ट्रेडिंग कंपनी सूरतगढ़ व मै.मन्नत ट्रेडिंग सादुलशहर आदान विक्रेताओं के बीज अनुज्ञा पत्र आगामी आदेश तक निलंबित करने की कार्रवाई की गई है।
बिल जरुर लें किसान
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि कपास बीज खरीदते समय दुकानदार से बीज का बिल अवश्य लें। बीज कंटेनर पर इसकी अंकुरण क्षमता, आनुवंशिक शुद्धता, इनर्ट मैटेरियल तथा नमी का प्रतिशत अवश्य देखें। देशी कपास के बीज की अंकुरण क्षमता कम से कम 65 प्रतिशत, आनुवंशिक शुद्धता कम से कम 90 प्रतिशत, बीज की शुद्धता 98 प्रतिशत रहती है जबकि बीटी कपास में बीज की अंकुरण क्षमता कम से कम 75 प्रतिशत होनी चाहिए। इन परिमाप पर से यदि कम बीज पात्र या बीज पैकेट पर अंकित हो तो अमानक बीज की श्रेणी में आता है।
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