हलधर किसान। राज्य मंत्री, कृष्ण पाल गुर्जर और भानु प्रताप सिंह वर्मा ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्यमों (एमएसएमई) में त्वरित ऊर्जा दक्षता पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा भारत दुनिया में एमएसएमई के लिए दूसरे सबसे बड़े आधार को धारण करता है और जीडीपी में इसका सबसे बड़ा योगदान है।
सम्मेलन के मुख्य आकर्षण में प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी, एमएसएमई क्षेत्र में निर्णयकर्ताओं और अन्य प्रमुख प्रतिभागियों के साथ विचारोत्तेजक विचार-विमर्श पर सत्र शामिल हैं।विभिन्न क्षेत्रों से 200 से अधिक प्रतिभागी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे है I
विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ़ एनर्जी एफिशिएंसी – बीईई) ने आज “सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में त्वरित ऊर्जा दक्षता पर राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया। विभिन्न संकुल (क्लस्टर) संघों, एमएसएमई उद्यमियों और हितधारकों ने आपस में चर्चा की और एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों के सफल कार्यान्वयन के लिए अपने विचार दिए यह राष्ट्रीय सम्मेलन ” सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में ऊर्जा दक्षता के लिए एक समावेशी और टिकाऊ दृष्टिकोण की ओर बढ़ने के लिए वर्तमान पोर्टफोलियो के साथ-साथ भविष्य के कार्यक्रम के संचालन और कार्यान्वयन को मजबूत करने में योगदान देगा।
श्री गुर्जर ने कहा कि इस क्षेत्र में नियमित प्रक्रियाओं में ऊर्जा दक्षता और प्रौद्योगिकियों के उन्नयन को बढ़ावा देने की अपार क्षमता है। फिर भी, ठोस उपायों के मामले में सुधार के लिए अभी भी बहुत जगह है क्योंकि अधिकांश एमएसएमई उद्यमी अब भी दावा करते हैं कि वे अपने व्यवसाय में किसी संभावित बचत की पहचान करने में सक्षम नहीं हैं। एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने, प्रदर्शित करने और प्रसार करने के लिए, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र द्वारा अनुभव की जाने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए “एमएसएमई में ऊर्जा दक्षता और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर राष्ट्रीय कार्यक्रम” विकसित किया है। भानु प्रताप सिंह वर्मा, राज्य मंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय भी इस राष्ट्रीय कॉन्क्लेव के सम्मानित अतिथि के रूप में इस अवसर उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि अंतर-मंत्रालयी सहयोग एमएसएमई के लिए एक स्थायी भविष्य बनाने में मदद कर सकता है, हमारे जलवायु लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकता है।
इस सम्मेलन कॉन्क्लेव में विद्युत सचिव आलोक कुमार, (सीएमडी), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) शिवसुब्रमण्यम रमन, संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) के औद्योगिक विकास अधिकारी श्री संजय श्रेष्ठ, औद्योगिक विकास अधिकारी, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के महा निदेशक अभय बाकरे, और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के निदेशक मिलिंद देवरे शामिल थे।
सरकार, बहुपक्षीय / द्विपक्षीय एजेंसियों, उद्योगों, औद्योगिक संघों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, और सलाहकारों सहित 200 से अधिक प्रतिभागियों ने इस सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दी। यह सम्मेलन औद्योगिक आधार को मजबूत करने के साथ ही एसएमई की ऊर्जा दक्षता में सुधार के बीईई के प्रयासों का समर्थन करेगा। इस कॉन्क्लेव ने विभिन्न क्षेत्रों और विशिष्ट हितधारकों के बीच एक स्थायी रणनीति बनाने के लिए एक पुल के रूप में काम किया है।