मप्र में प्राकृतिक खेती का रकबा बढ़ेगा, कृषि विभाग व एनसीएनएफ के बीच हुआ एमओयू

अभी 40 हजार किसानों को दिया गया प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण

हलधर किसान। भोपाल, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग और अध्यक्ष नेशनल कोएलीशन फॉर नेचुरल फार्मिंग (एनसीएनएफ) के मध्य प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के लिए एमओयू साइन हुआ। मप्र में अभी 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जा रही है, जो देश में सर्वाधिक है। प्राकृतिक खेती के रकबे को बढ़ा कर खेती की लागत में कमी लाई जाकर किसानों की आय में उत्तरोत्तर वृद्धि करने के लिए शासन निरंतर कार्य कर रहा है।मध्य प्रदेश जैविक खेती में नम्बर वन है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल के बाद यह प्राकृतिक खेती में भी सबसे आगे रहना चाहता है. प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम हो रहा है. सरकार ने प्रदेश के 40 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने, जैविक उत्पादन, उचित मूल्य प्राप्त करने जीवामृत, बीजामृत, गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और रोगों एवं कीटों की रोकथाम के लिये जैविक कीटनाशक तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

कृषि विभाग की संचालक श्रीमती प्रीति मैथिल ने कहा कि प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने और खेती की लागत में कमी लाकर उनकी आय में वृद्धि करने में एमओयू कारगर साबित होगा। एनसीएनएफ के अध्यक्ष मीर शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के 40 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने, जैविक उत्पादन, उचित मूल्य प्राप्त करने जीवामृत, बीजामृत, गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और रोगों एवं कीटों की रोकथाम के लिए जैविक कीटनाशक तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

प्राकृतिक खेती से उर्वरा शक्ति में मदद मिलेगी-

प्राकृतिक खेती से लोगों के स्वास्थ्य के बेहतर बनाने और भूमि की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। निरंतर रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से क्षीण हो रही भूमि की उर्वरा शक्ति, नष्ट हो रहे कृषि मित्र केचुएं और जन्म ले रही मानव जन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रदेश में प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में बेहतर तरीके से कार्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

23 पार्टनर संस्थाओं के साथ मिलकर होगा कार्य-

किसानों को जागरूक करने में एनसीएनएफ समान विचारधारा वाले 23 पार्टनर संस्थाओं के साथ मिल कर प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को लाभान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्राकृतिक खेती के लिये एनसीएनएफ के जरिए नेचर पॉजीटिव एग्रीकल्चर एवं नेचर बेस्ड सॉल्यूशन में सहयोग किया जाएगा। इसके अलावा शासन के साथ पॉलिसी एवं क्रियान्वयन के स्तर पर भी सशक्त भागीदारी की जाएगी।

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