पंचगंगा सीड्स संचालक श्री प्रभाकर शिंदे युवाओं के लिए बने प्रेरणा
हलधर किसान (शख्सियत) श्रीकृष्ण दुबे। कहते हैं कि कुछ करने की दृढ़इच्छा शक्ति हो तो जिदगी में किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही मुकाम कड़े संघर्ष और मेहनत के बाद श्री प्रभाकर उत्तमरावजी शिंदे ने पाया है। श्री शिंदे ने प्रतिस्पर्धा के इस दौर में पंचगंगा ग्रुप किसी पहचान का मोहताज नही है। साधारण परिवार से ताल्लूक रखकर, श्री शिंदे आज कृषि आदान के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाकर न केवल माता-पिता और समाज को बल्कि राज्य को गौरवांवित कर रहे है।

पंचगंगा सीड्स सब्जी बीज व्यापार में व्यापारियों, ग्राहकों की पहली पसंद है, इस भरोसे को कायम करने में क्या संघर्ष रहा, कैसे इतना बड़ा कारोबार स्थापित हुआ, इसको लेकर हमारे संवाददाता श्रीकृष्ण दुबे से चर्चा में श्री शिंदे ने बताया कि वह माता. पिता ने उन्हें सीख दी है कि किसी भी परिस्थिति में ईमानदारी और धैर्य मत छोडऩा। किसी भी क्षेत्र में मेहनत से किया गया प्रयास सफल जरुर होता है। एक साधरण कृषक किसान परिवार में जन्में श्री प्रभाकर शिंदे जी ने सन् 1994 में कृषि स्नातक की शिक्षा पूरी की। उस दौर में आसानी से शासकीय नौकरी मिल सकती थी, लेकिन कृषि की पढ़ाई करते हुए कृषि में इस कदर रुचि हुई कि उन्होंने किसानों के लिए कुछ करने का संकल्प लेकर बीज क्षेत्र को चुना।

किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराना प्राथकिता
किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध की प्राथमिकता का संकल्प लेकर 2003 में पंचगंगा सीड्स प्रा. लि. किस्थापना की। शुरुआत दौर में असंख्य चुनौतियां मुंह बाएं खड़ी थी, जैसे श्रमिक नही मिलना, माल की खपत कैसे करेंगे, क्योंकि उस दौर में भी स्थापित कंपनियां नए कारोबारी को आसानी से व्यापार नही करने देती थी, लेकिन किसानों कम कीमत में अधिक उत्पादन एवं गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने की सोच ने उन्हें इन परेशानियों को पार पाने में बड़ी मदद की।
किसान ही बने ब्रांड एंबेसेडर
श्री शिंदे बताते हुए शुरुआती दौर में बीज किसानों तक पहुंचाने में परेशानी जरुर हुई, प्याज का बीज बाजार में लाना, आत्मघाती कदम माना जाता था, किसान पारम्परिक रूप से खुला /असंगठित तरिके से उत्पादित बिना गारंटी वाला सस्ता बीज उगाने के आदि थे। लेकिन उन्होंने रिसर्च के बाद बीज तैयार किया और जब किसानों ने पंचगंगा सीड्स के प्याज बीज का उपयोग किया और उत्पादन देखा तो वे खुद कंपनी के ब्रांड एंबेसेडर के रुप में प्रचार करने लगे। किसानों के भरोसे ने कंपनी को महाराष्ट्र के गांव- फालियों तक पहुंचाया।
आज 15 राज्यों में है पंचगंगा बीज की पहुंच
किसी भी कंपनी के लिए महज दो दशक में एक राज्य से देश के 15 राज्यों तक कारोबार पहुंचाना आसान नही होता। हर राज्य में अलग- अलग नियम, अलग- अलग भौगोलिक एवं वातानुकुलित स्थिति होती है। इन सब को ध्यान में रखकर पंचगंगा सीड् ने ऐसे बीज तैयार किए है जो न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश के 15 राज्यों में पहुंच रहे है। 19 किस्म की प्याज वैरायटी है, जो हर सीजन में डिमांडेबल रहती है।
इन किस्मों पर भी किसान जताते है भरोसा
प्याज बीज से शुरु हुई कंपनी आज किसानों और विक्रेताओं की मांग पर बैंगन, टमाटर, मिर्च, भिंडी, मका, बाजरी, सोयाबीन, तुवर,बीटीकपासआदिफसलोंमें 200 से ज्यादा किस्म ेंविभिन्न प्रांतों के भिन्न-भिन्न सिग्मेंट कि आवश्यतानुसार उपलब्ध कि है। भारतभर के किसान औरविक्रेताओं का अनुभव है कि विगत 21 सालों से पंचगंगा सीड्स निरंतर उच्च गुणवत्ता कि किस्में और बीज बाजार में उपलब्ध करा रहे है।
बीज की गुणवत्ता से नही किया समझौता
पिछले 21 वर्षो से बाजार में बीज उपलब्ध करा रहे पंचगंगा ग्रुप के संचालक श्री शिंदे का कहना है कि बाजार में इस समय कई कंपनियां प्रतिस्पर्धा के दौर में है। ऐसे में कई नामी कंपनियों ने बीज की गुणवत्ता से भी समझौता किया है, लेकिन पंचगंगा ने कभी अपने बीजों की गुणवत्ता से समझौता नही किया, यही कारण है कि किसानों की पहली पसंद और डीलरों का भरोसा पंचगंगा के बीज पर है।
18 लाख किसानों का परिवार है पंचगंगा
पंचगंगा सीड्स परिवार से 18 लाख किसान जुड़े है, जो प्रतिवर्ष कंपनी का बीज बुआई करते है। करीब 45000 बीजोत्पाद किसान बीजोत्पादन करते है जिसे 10000 स ेज्यादा विक्रेता किसानों तक पहुंचाते है। कर्मठ और निष्ठावान 350 से ज्यादा कर्मचारी और कई हजार दिहाड़ी मजदूर विभिन्न गतिविधियों से जुड़े है। रुक जाते थक जाते ऐसे तो शिंदे साहब है नहीं। वर्ष 2020.21 कोरोना काल में जब देश में प्याज बीज की कमी आई थी, उस दौरान श्री शिंदे ने यह निर्णय लिया था, कि प्रत्येक किसान के हाथों में पंचगंगा कंपनी का बीज जाए और कमी न रहे, इसलिए उन्होंने घोषणा की थी कि एक किसान को 2 किलो बीज दिया जाए, ऐसा करके कोई भी किसान बीज से वंचित नहीं रहा और दो.दो किलो बीज पंचगंगा का देश के प्रत्येक किसान को प्राप्त हुआ।
अन्य समूह में किया कंपनी का विस्तार
पंचगंगा समूह का विस्तार पंचगंगा बायोटेक, गुडवर्ड पंचगंगा फार्मसालूशन और पंचगंगा मावेरिकलॅब आदि के रूप में किया गया है। यह सभी व्यवसाय सफलतापूर्वक चलाये जा रहे है।
गन्ना किसानों को दी शुगर मिल की सौगात
गन्ना उत्पादक किसानों को उपज के दाम को लेकर संघर्ष करते देख श्री शिंदे ने पंचगंगा शुगर एंड पावर प्रालि. महालगांव, तहसील वैजापुर जिला. संभाजीनगर में खुद की शुगर मिल स्थापित की है, जो नवंबर माह में शुरु होने जा रही है। जहां न केवल श्रमिकों को रोजगार मिलेगा, बल्कि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम देने का प्रयास भी किया जाएगा। इस आधुनिक मिल में शुगर हॉउस, रिफाईनरी, कोजेनप्लांट, पारम्परिक भट्टी, भस्मीकरण यंत्र, डिस्टीलरी, अनाज आधारित डिस्टीलरी आदि संयंत्रों का समावेश है। इस कारखाने से शुद्ध शकर 4 लाख लिप्रतिदिन शकर का उत्पादन होगा। लगभग15 हजार गन्नाउत्पादक किसान पंचगंगा शुगर अण्ड पावर के साथ पंजीकृत किये जा हो चुके है इसके अलावा कऱीब एक हजार कर्मचारियों को रोजगार दिया जा रहा है।
व्यापार के साथ समाजसेवा में भी दे रहे योगदान
संवाददाता श्री दुबे ने बताया श्री शिंदे न केवल व्यापार बल्कि समाजसेवा एवं राजनीतिक क्षेत्र में भी सक्रियता निभाते है। उनके महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे सहित अन्य राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ नेताओं से भी संबंध है। उनके सेवाकार्यो को देखते हुए श्रीराम जन्भूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या में श्रीरामललाजी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी आमंत्रित किया गया था।
युवाओं के लिए दिया संदेश
डर और असुरक्षा किसी भी व्यक्ति के सबसे बड़े शत्रु होते हैं। ये दोनों भावनाएं लोगों की उत्पादकता और खुशी दोनों पर ताला लगा देते हैं। अगर आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का अभाव है तो आप मुश्किल से ही अपनी जिंदगी में सफलता प्राप्त कर पाएंगे। इसलिए हमेशा सकारात्मक रहें और असफलताओं के बावजूद हमेशा अच्छी सोच रखें।