रिसर्च एवं अनुसंधान से जुड़ी नई सोच देश के विकास में सहायक अरूण यादव 

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जेआईटी बोरावां में तकीनकी शिक्षा से जुड़े 140 शिक्षाविदें ने अनुभव किए साझा

हलधर किसान. खरगोन (विज्ञान)।  जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी बोरावां में गुरूवार को बौद्धिक संपदा अधिकार और पेटेंट, डिजाईन फाईलिंग विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें संस्था एवं समीपस्थ इन्दौर, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर जिलों के इंजीनियरिंग एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े 140 शिक्षक सम्मिलित हुए।  राजीव गांधी नेशनल इंस्टीट्यू ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी मैंनेजेमेंट नागपुर, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य देश प्रदेश में तकनीकी के क्षेत्र में नवीन रिसर्च और अनुंधान को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में कार्य कर रहे विशेषज्ञों में जागरूकता लाना है।

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बौद्धिक संपदा अधिकार और पेटेंट ए डिजाईन फाईलिंग विषय पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं वक्ता आईआईटी  दिल्ली से एमटेक होकर वर्तमान में सहायक नियंत्रक पेटेंट एवं डिजाईन में कार्य कार्यरत कुमार राजू द्वारा किया गया।   डीन डॉ. सुनील सुगंधी,  प्राचार्य डॉ. सुजीत पिल्लई, गुलाबबाई यादव स्मृति शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्र तिवारी, संयोजक डॉ. मनीष देशमुख सहित तकनीकी पाठ्यक्रमों के शिक्षाविद् एवं प्रोफेसर उपस्थित थे। संचालन प्रो. नितिन नामदेव द्वारा किया गया ।

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पूर्व केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री अरूण यादव ने प्रेषित अपने संदेश में कहा कि वैश्विक परिदृश्य में आज टेक्नालॉजी का विकास तेजी से हो रहा है। रिसर्च और अनुसंधान से जुड़ी नई सोच निश्चित तौर पर हमारे देश के विकास में सहायक होगी। यह कार्यशला रिसर्च के क्षेत्र में शिक्षाविदों का मार्गदर्शन करेंगी और मील का पत्थर साबित होगी। 

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